भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना पॉजिटिव (Corona positive) होने के बाद जमुई के गिद्धौर प्रखंड के दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एक डॉक्टर ने खुदकुशी कर ली। डॉ ने सुसाइड से पहले एक सुसाइड नोट (Suicide note) लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा कि ‘कोरोना होने के बाद याददाश्त काम नहीं कर रहा, नींद भी नहीं आती, पागलपन जैसा महसूस कर रहा, इसलिए जान दे रहा हूं।’
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सुचना के अनुसार डॉ. रामस्वरूप चौधरी (63 वर्ष) गिद्धौर प्रखंड के दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी थे। उन्होने मंगलवार की सुबह करीब 9:30 बजे अपने सरकारी आवास के एक कमरे में पंखे से लटक कर जान दे दी। वही लोगों का कहना है कि सुबह काफी देर तक डॉ. रामस्वरूप चौधरी ने अपने सहकर्मी व विभाग के लोगाें से फोन पर बातचीत की थी। इसके बाद चाय-नाश्ता कर के बाद हॉस्पिटल जाने के लिए तैयार होने अपने कमरे में चले गए। उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए उनका चालक ओमप्रकाश रावत भी उनके आवास पर पहुंच चुका था और उनके बाहर आने का इंतजार कर रहा था। जब वह काफी देर तक कमरे से नहीं निकले तब चालक ने डॉक्टर की पत्नी और बच्चे के साथ उनके कमरे के पास पहुंचे। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। जब दरवाजा तोड़ा तो देखा कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पंखे से लटके हुए थे।
कोरोना महामारी (Corona epidemic) को देश में आये हुए एक साल से ज्यादा हो गया है। वहीं कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन भी तैयार कर ली गई है। बावजूद इसके कोरोना तेज़ी से एक बार फिर अपने पैर पसार रहा हैं। कोरोना के चलते पूरे विश्व में अरबों लोगों की जान जा चुकी है। वही कई लोग संक्रमित होने के बाद डिप्रेसशन में भी चले जा चुके है। जिसका एक उदाहरण बिहार से सामने आया है।
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