मंदसौर/तरुण राठौर
कोरोना के बढ़ते प्रभाव के चलते लोग जहां डरे हुए है। ऐसे में कोरोना मरीजो के संपर्क में आए लोगों को लेकर प्रशासन बड़ी लापरवाही बरत रहा है। जो प्रशासन के दावों की पोल खोलता है कि वह रोज लाखो रुपए कोरना के मरीजो पर खर्च करते है। उसके बाद भी मरीजो की हालत कोविड सेंटर व हॉस्पिटल इतनी दयनीय क्यों। जो अपने आप में प्रशासन की कार्यप्रणाली पर काफी बड़ा प्रश्न है कि किस तरह प्रशासनिक अधिकारी इस महामारी के दौर को अवसर में बदल रहे है।जिसकी वजह उन लोगों में प्रशासन को लेकर काफी गुस्सा है।
वैसे प्रशासन कोरोना मरीज व मरीज के संपर्क में आए लोगों को कोविड सेंटर पर इलाज के लिए ले जा रहे है। जहां उनका कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है। उन्हें जो खाना मिल रहा वह भी कच्चा मिल रहा है साथ पीने के लिए जो दूध दिया जा रहा है वह भी कोरा पानी । नाश्ते में जो पोहे दिए जाते है वह भी आधे कच्चे होते है।
वहीं कोविड़ सेंटर में सफाई व्यवस्था की भी हालत ज्यादा खराब है। चारो तरफ कचरा फैला हुआ है। जिससे वहां पर मच्छर व बदबू की भरमार है। जिसकी वजह से वहां मौजूद लोगों का जीना हराम हो गया है। यही नहीं वहां मौजूद डॉक्टर और स्टाफ भी उनका ध्यान नहीं रखते है। जब मरीज यह सब बातों की उनसे शिकायत करते है तो उल्टा उन्हें डाट जाता है।
इसी दौरान वो मजबूरी में इस नरक जैसी जगह पर रह रहे है। वहीं कोविड हॉस्पिटल भी अब कोविड सेंटर में ही संचालित हो रहा है और वहां की हालत भी ऐसी ही है। जबकि प्रशासन कोविड के मरीजो पर रोज लाखो रुपए खर्च कर रही है उसके बाद भी कोविड सेंटर व कोविड हॉस्पिटल की हालात काफी खराब है। जो प्रशासन के दावों की पोल खोल रही है।