ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कोरोना महामारी (Corona Crisis) में इन दिनों अलग अलग तस्वीरें देखने को मिल रहीं हैं। एक ओर कुछ व्यापारी मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी (Black Marketing) रहे है तो मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े कुछ लोग रेमडेसिवीर इंजेक्शन और प्लाज़्मा जैसी जीवन रक्षक चीजों को ऊँची कीमत पर बेचकर मरीजों के परिजनों को ठगने का काम कर रहे हैं। लेकिन शनिवार को जो तस्वीर आई वो सुकून देने वाली थी। शहर के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज MITS के पूर्व छात्रों में अपनी तरफ से धनराशि इकठ्ठा कर CMHO को करीब सवा लाख रुपये के मेडिकल उपकरण और दवाइयां उपलब्ध कराई हैं। खास बात ये है कि इंजीनियर्स द्वारा दान किये उपकरण और दवाइयां बहुत अच्छी क्वालिटी के हैं।
ग्वालियर के प्रतिष्ठित स्टेट टाइम के माधव इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस कॉलेज यानि MITS के 1990 बैच के छात्र महामारी कोरोना से पीड़ित लोगों की मदद के लिए आगे आए हैं। शनिवार को उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनीष शर्मा और नोडल अधिकारी डॉक्टर बिंदु सिंघल को करीब सवा लाख रुपए कीमत के मेडिकल उपकरण दवाएं और दूसरा सामान भेंट किया है ताकि जरूरतमंद और अस्पताल में भर्ती लोगों की कुछ मदद मिल सके। इसमें ग्लूकोमीटर, नेबुलाइजर, पल्स ऑक्सीमीटर, इंजेक्शन कई तरह की दवाइयां शामिल है।
ये भी पढ़ें – कोरोना की मार के बीच चोरों ने बनाया सूने घर को निशाना, करीब 5 लाख की चोरी
दरअसल 1990 बैच के एम आई टी एस के पास आउट छात्र आदेश गुप्ता ने महामारी के इस दौर में जब लोगों को ऑक्सीजन दवाएं और दूसरे मेडिकल उपकरणों से जूझते देखा तो उन्होंने अपने दोस्तों के साथ बात कर आपस में तय किया कि ऐसे लोगों की मदद की जाए, इसके लिए उन्होंने करीब दो लाख रुपए से ज्यादा की धनराशि आपस में एक एकत्रित की। इजीनियर्स ने इस धनराशि में से सवा लाख रुपए के मेडिकल उपकरण और दवाइयां खरीद कर शनिवार को CMHO के सुपुर्द की।
ये भी पढ़ें – कोरोना कर्फ्यू: शादी में 400 से अधिक मेहमान, पुलिस की मौजूदगी में हुए फेरे, पढ़िए पूरी खबर
MITS के पूर्व छात्रों का कहना है कि वह आगे भी अपने साथियों की मदद से स्वास्थ्य विभाग को मदद करते रहेंगे। खास बात यह है कि MITS के पूर्व छात्रों ने जो उपकरण, मेडिकल से जुड़ी सामग्री भेंट की है वह बेहद अच्छी क्वालिटी की है। CMHO डॉ मनीष शर्मा ने इंजीनियर्स की इस पहल पर उन्हें साधुवाद दिया है उनका कहना है कि वह तहे दिल से MITS के इन छात्रों का शुक्रिया अदा करते हैं क्योंकि जिस क्वालिटी का यह सामान छात्रों ने दिया है उसकी वह मरीजों को देने की कल्पना भी नहीं कर सकते थे ।