Rajesh Khanna Birth Anniversary : आज फिल्म इंड्रस्ट्री के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की 80वीं बर्थ एनिवर्सरी है, जिन्हें काका के नाम से भी जाना जाता है। बॉलीवुड में ‘ऊपर आका, नीचे काका’ की कहावत खास इनके लिए ही बनी थी। उस वक्त लोगों का मानना था कि ऊपर भगवान और नीचे राजेश खन्ना, ये दो ही लोग पावरफुल हैं। बता दें मशहूर अभिनेता देव आनंद के बाद राजेश खन्ना वो दूसरे फिल्मी सितारे थे, जिनके लिए लड़कियों में बेहद दीवानगी थी। फिल्मी करियर के दौरान उन्हें इतने ज्यादा खत आते थे कि उन्हें एक आदमी उसे पढ़ने के लिए रखना पड़ा था, तो चलिए आज इस खास मौके पर हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास चीजें बताएंगे…
अमृतसर में हुआ था जन्म
सबसे पहले तो हम आपको ये बता दें कि पंजाब के अमृतसर में राजेश खन्ना का जन्म हुआ था जो कि बेहद ही गरीब परिवार से थे। राजेश खन्ना के सफर की शुरूआत काफी रोमांचित रही है। दरअसल, एक टैलेंट हंट में 10 हजार लोगों को हराकर राजेश खन्ना कॉम्पिटिशन जीते और इसी के जरिए उन्हें दो फिल्में मिली, जिसके बाद उन्होंने कभी पिछे मुडकर नहीं देखा लेकिन हां उनके पारिवारिक जीवन में काफी ज्यादा उतार- चढ़ाव रहे। एक दौर ऐसा भी आया था जब वो डिप्रेशन में चले गए थे और वो अकेले रह गए।
20 सालों तक इंडस्ट्री में छाए रहे
दरअसल, राजेश खन्ना के घर की हालत इतनी खराब थी कि 10 साल की उम्र में थियेटर करना शुरू कर दिया था। उन्हें बोंगो और तबला बजाने में खासा दिलचस्पी थी। केवल इतना ही नहीं, स्कूल के दिनों में जितेंद्र उनके बहुत अच्छे दोस्त थे। अभिनय से उन्हें बहुत प्यार था इसलिए वो कॉलेज के दिनों में भी थिएटर और स्टेज शो से जुड़े रहे। इस दौरान उन्होंने कई सारे अवॉर्ड्स भी अपने नाम किए थे। वहीं, अपने फिल्मी करियर के दौरान 20 सालों तक राजेश खन्ना ही छाए रहे लेकिन अमिताभ बच्चन की एंट्री ने उन्हें हिला दिया।
आखिरी खत से शुरू हुआ करियर
अब बात करते हैं फिल्मी करियर की शुरूआत की तो सबसे पहले साल 1966 में राजेश खन्ना की पहली फिल्म आखिरी खत रिलीज हुई थी। इस फिल्म को 40वें ऑस्कर अवॉर्ड के बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म के तहत एंट्री मिली थी लेकिन फिल्म नॉमिनेशन राउंड से बाहर हो गई थी। हालांकि, राजेश खन्ना की यह पहली फिल्म फ्लॉप रही। जिसके बाद साल 1967 में उनकी दूसरी फिल्म राज रिलीज हुई, जिसने बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई करते हुए धमाल मचा दिया था। फिल्म ने इंडियन बॉक्स ऑफिस पर 1 करोड़ का कलेक्शन किया था। जिसके बाद हर तरफ बस राजेश खन्ना ही छाए रहे। बता दें अभिनेता ने तीन सालों में लगातार 15 सुपरहिट फिल्में दी। जिसमें इत्तेफाक, छोटी बहु, कटी पतंग, महबूब की मेंहदी, हाथी मेरे साथी, आनंद, आन मिलो सजना जैसी फिल्मों के नाम शामिल हैं।
खून भरे खत…
आलम ऐसा हो गया था कि राजेश खन्ना के फैंस की दिवानगी इस कदर बढ़ने लगी थी कि वो उन्हें खुन भरे खत भेजना शुरू कर दी थी। राजेश खन्ना के लिए फैंस की दीवानगी कभी खत्म नहीं हुई। इसी कड़ी में एक बार उनसे एक फैन की मुलाकात हुई जिसने उन्हें एक उनकी फोटो का कलेक्शन दिखाया। उसे देखकर राजेश खन्ना हैरान रह गए और खुश भी हुए। वो कलेक्शन उन्हें इतना पसंद आया कि उन्होंने उस फैन को एक फूड ट्रक गिफ्ट में दिया जो आज भी दिल्ली में चालू है। इस फूड ट्रक पर खुद राजेश खन्ना 500 बार गए थे और वहां के खानों का जायका लिया था।
शादी के 11 साल बाद आई दरार
वहीं, बात करें राजेश खन्ना और डिंपल कपाड़िया के पारिवारिक जीवन को लेकर तो रिश्ते में शादी के 11 साल बाद ही दरार आनी शुरू हो गई थी। मिली जानकारी के अनुसार, राजेश खन्ना नहीं चाहते थे कि डिंपल फिल्मों में काम करें। इसी वजह से दोनों में काफी बहस होती थी। कुछ समय बाद दोनों अलग-अलग रहने लगे थे, लेकिन तलाक कभी नहीं लिया। एक इंटरव्यू में खुद राजेश खन्ना ने बताया था कि डिंपल से अलग रहने के बाद उन्होंने 14 महीनों के लिए खुद के आस-पास एक दीवार बना ली थी। लोगों पर उन्होंने विश्वास करना छोड़ दिया था, नई फिल्में साइन नहीं करते थे। आत्मविश्वास कम हो गया था। लगातार फिक्र में डूबे रहते थे और आत्महत्या करने के बारे में सोचते थे।
18 जुलाई को निधन
साल 2011 में राजेश खन्ना को पता चला था कि उन्हें कैंसर है। जिसके बाद जून 2012 में उनकी तबीयत खराब होने लगी थी। जिसके कारण 23 जून को उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तबीयत में सुधार होने के बाद उन्हें 8 जुलाई को अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी लेकिन 14 जुलाई को फिर से राजेश खन्ना को लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से उन्हें 16 जुलाई को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था। जिसके 2 दिन बाद 18 जुलाई को उनका निधन उनके बंगले आशीर्वाद में हो गया। राजेश खन्ना के निधन के बाद दुनिया को पता चला था कि वो कैंसर से पीड़ित थे। उनकी अंतिम यात्रा में करीब 10 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे।