उधर, उत्तर प्रदेश पुलिस ने आपराधिक साजिश, पूजा स्थल पर अपराध, जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने, शांति भंग करने के इरादे से एफआईआर दर्ज की है।
क्यों पोस्टर पर उठ रहे सवाल …
तमिलनाडु के मदुरै में जन्मी और कनाडा के टोरंटो में रहने वाली फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई, उस समय सुर्खियों में आ गई, जब उन्होंने अपनी एक डाक्यूमेंट्री फील का पोस्टर ट्विटर से शेयर किया। पोस्टर में दिखाया गया है कि ‘काली मां’ सिगरेट पी रही है और उनके दूसरे हाथ में LGBT समुदाय का झंडा है।
जिसके बाद से ट्विटर पर उन्हें धार्मिक भावनाओं को आहत करने का दोषी करार देते हुए, लोगों ने गिरफ्तार करने की मांग की है। ट्विटर पर हैशटैग ‘अरेस्ट लीना मणिमेकलई’ बहुत तगड़े से ट्रेंड कर रहा है।
लीना मणिमेकलाई ने क्या कहा ?
अपने खिलाफ आवाजे उठता देख, मणिमेकलाई ने ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा, “मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है। जब तक मैं जीवित हूं, मैं एक ऐसी आवाज के साथ रहना चाहता हूं जो बिना किसी डर के मेरे विश्वास को बोलती है। अगर इसकी कीमत मेरी जिंदगी है, तो इसे दिया जा सकता है।”
उन्होंने इसके रिप्लाई में लिखा, “फिल्म एक शाम टोरंटो शहर की सड़कों पर काली के टहलने के दौरान की घटनाओं के बारे में है। अगर वे फिल्म देखते हैं, तो वे ‘अरेस्ट लीना मणिमेकलाई’ के बजाय ‘लव यू लीना मणिमेकलाई’ हैशटैग लगाएंगे।”
भारतीय उच्चायोग ने कनाडा के अधिकारियों से की पोस्टर वापस लेने की मांग
पोस्टर पर बढ़ते विवाद के बीच, अब इस मामले में भारतीय उच्चायोग ने भी दस्तक दे दी है। भारतीय उच्चायोग ने कनाडा के अधिकारियों से ‘आगा खान संग्रहालय’ में ‘अंडर द टेंट’ प्रोजेक्ट में प्रदर्शित हिंदू देवताओं के अपमानजनक पोस्टर को वापस लेने का आग्रह किया है।
कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने एक प्रेस रिलीज में कहा, “हम कनाडा के अधिकारियों और कार्यक्रम के आयोजकों से ऐसी सभी भड़काऊ सामग्री को वापस लेने का आग्रह करते हैं।”