जानिए, मलयालम फिल्मकार अली अकबर क्यों अपनाना चाहते हैं हिन्दू धर्म ?

Gaurav Sharma
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। मलयालम फिल्म निर्माता अली अकबर ने एक बड़ा ऐलान किया है कि वह अपनी पत्नी लुसीम्मा के साथ इस्लाम धर्म छोड़ कर हिंदू धर्म अपनाने का फैसला कर चुके हैं। उनका कहना है कि वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत की मौत के बाद सोशल मीडिया में इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा उनकी तस्वीर या वीडियो के नीचे स्माइली डाली थी या यूं कहें की खुशी मनाई थी जिससे वह काफी दुखी हुए।

बता दें कि फेसबुक के जरिए सीडीएस रावत को श्रद्धांजलि देने वाले फिल्म निर्देशक अली अकबर ने कहा, ‘इसे कभी स्वीकार नहीं कर सकते हैं इसलिए मैं अपना धर्म छोड़ रहा हूँ, न मेरा और न ही मेरे परिवार का कोई और धर्म है।’ अली अकबर ने जब सीडीएस रावत की वीरगति पर लाइव वीडियो बनाना शुरू किया तो कट्टर इस्लामियों ने उनके वीडियो पर हजारों की संख्या में स्माइली की इमोजी लगाकर इसका मजाक उड़ाया, जिससे उनकी भावनाएं आहत हुईं।

आगे उन्होंने कहा कि किसी भी इस्लाम धर्म के शीर्ष नेताओं ने भी बहादुर सैन्य अधिकारी को अपमानित करने वाले ऐसे ‘राष्ट्र विरोधियों’ का विरोध नहीं किया, जिन्होंने सेना के बहादुर अधिकारी का अपमान किया और ये उन्हें मंज़ूर नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका धर्म से विश्वास उठ गया है। अली अकबर ने कहा, ‘आज से मैं वो चोला उतार कर फेंक रहा हूँ जो मुझे पैदाइशी मिला था। आज से मैं मुसलमान नहीं हूँ। बल्कि भारतीय हूँ। यह उन लोगों को मेरा जवाब है जिन्होंने भारत के खिलाफ हजारों इमोजी पोस्ट की थी। अली अकबर की पोस्ट पर फेसबुक पर मुस्लिम यूजर्स ने कड़ी आलोचना की और कुछ ने अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया। इस बीच कई यूजर पोस्ट ने अकबर का समर्थन किया और गाली देने वालों को फटकार लगाई।

सीडीएस बिपिन रावत की मौत के बाद अकबर ने फेसबुक पर एक लाइव वीडियो शूट किया था, लेकिन फेसबुक ने उसे नस्लीय बताकर उनका अकाउंड ही सस्पेंड कर दिया, लेकिन तब तक उनका वीडियो वायरल हो चुका था और इसे व्यापक रूप से व्हाट्सऐप पर शेयर किया गया। बाद में अकबर ने दूसरा अकाउंट बनाया और कहा, ‘राष्ट्र को उन लोगों की पहचान करनी चाहिए जो सीडीएस की मौत पर मुस्कुराते हैं और उन्हें दंडित करना चाहिए।

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए अकबर ने कहा, ”कई देश-विरोधी गतिविधियां सोशल मीडिया पर होती हैं। लेकिन जनरल रावत की मौत का वाकया इसका ताजा उदाहरण हैरावत की मौत की खबर पर मुस्कुराते हुए इमोजी के साथ टिप्पणी करने वाले और जश्न मनाने वाले अधिकांश यूजर्स मुस्लिम थे।

”उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि रावत ने पाकिस्तान और कश्मीर में चरमपंथियों के ख़िलाफ़ कई कार्रवाई की थी। इस तरह के सार्वजनिक पोस्ट देखने के बाद भी, जिसमें देश के बहादुर अधिकारी का अनादर किया गया था, किसी भी बड़े मुस्लिम नेता ने प्रतिक्रिया नहीं दी। मैं इस तरह के धर्म का हिस्सा नहीं रहना चाहता।

अकबर ने कहा कि वह और उनकी पत्नी हिंदू धर्म अपनाएंगे और आधिकारिक रिकॉर्ड में अपना नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू करेंगे, हालांकि उन्होंने ये साफ किया कि वह अपनी दो बेटियों पर धर्म बदलने का दबाव नहीं डालेंगे, वो अपना फ़ैसला ख़ुद लेंगी और तय करेंगी।

फिल्मों के अलावा अकबर राजनीति में भी सक्रिय रहे। वे भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। उन्होंने अक्टूबर में पार्टी नेतृत्व से मतभेदों के चलते सभी संगठनात्मक जिम्मेदारियां छोड़ दी थी।

साल 2015 में अकबर ने तब सनसनी फैला दी थी जब उन्होंने बताया था कि मदरसा में पढ़ते समय उनका यौन शोषण हुआ था। अकबर इस समय मालाबार विद्रोहियों पर एक फिल्म बना रहे हैं।


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