Loan Guarantor : आपका कोई करीबी दोस्त या कोई सगा संबंधी आपसे लोन गारंटर बनने के लिए बोलता है तो शायद आप तैयार भी हो जाते होंगे। बिना ये सोचे समझे कि इससे आप पर क्या असर पड़ सकता है। उस वक्त सिर्फ अपने रिश्ते या दोस्ती खराब होने की फिक्र होती है। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि जिसके लिए आप लोन गारंटर बने हैं तो उसका असर आप पर यानी कि लोन गारंटर पर भी पड़ेगा। इसलिए ये जान लीजिए कि लोन गारंटर बनने पर आपकी क्या क्या जिम्मेदारी हो सकती है।
कब होती है Loan Guarantor की जरूरत
- जब भी लोन की रकम ज्यादा होगी और बैंक को लगेगा कि डिफॉल्ट होने का जोखिम हो सकता है।
- अगर कोई लोन लेने वाला अपने सारे डॉक्यूमेंट जमा न कर सके या उसका खुद का क्रेडिट स्कोर खराब हो तो।
- जो लोन चाहता है उसकी उम्र ज्यादा होने पर भी गारंटर की जरूरत होती है।
- बैंक की पॉलिसी में लोन गारंटर होने की शर्त शामिल होने पर।
लोन गारंटर की जिम्मेदारियां
- हर लोन गारंटर से बैंक कुछ खास दस्तावेजों पर दस्तखत करवाता है। जिसके बाद लोन अदा कराने की लोन गारंटर की कानूनी जिम्मेदारी बन जाती है।
- लोन लेने वाला लोन न चुका सके तो बैंक गारंटर को भी नोटिस भेजता है। खासतौर से लोन लेने वाले की ओर से नोटिस का जवाब न मिलने पर।
- लोन लेने वाला लोन नहीं चुका पाता तो उसका बोझ गारंटर पर भी पड़ सकता है।
- गारंटर बनने के बाद आप आसानी से पीछे नहीं हट सकते।
सिबिल स्कोर पर असर
- आप जिसके गारंटर बने है उसके लोन न चुका पाने पर या डिफॉल्टर होने पर उसका असर आपके सिबिल स्कोर पर भी पड़ेगा। इसका बुरा असर तब दिखाई देगा जब आप खुद लोन लेना चाहेंगे लेकिन लोन नहीं मिल सकेगा।
- आप दोबारा किसी के गारंटर बनना चाहेंगे तो ये मौका भी आपको आसानी से नहीं मिलेगा।
इस बात का ध्यान रखें
अगर आप किसी के लिए लोन गारंटर बनना चाहते हैं तो पहले ये समझ लेना चाहिए कि लोन लेने वाला उसे चुकाने में कितना सक्षम है।
लोन लेने वाले को बीमा प्रोटेक्शन पॉलिसी लेने की भी सलाह दें। ऐसे में उसके लोन न चुकाने पर बीमा कंपनी की जिम्मेदारी लोन चुकाने की होगी।