MP में लापरवाही पर एक्शन- 2 पर्यवेक्षक निलंबित, 80 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं समेत 92 को नोटिस

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लापरवाही पर बड़ी कार्रवाई की गई है।रतलाम में महिला बाल विकास विभाग की 2 पर्यवेक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम क्रियान्वयन कार्य के प्रति उदासीनता एवं गंभीर लापरवाही पर रतलाम कलेक्टर (Ratlam Collecctor)  कुमार पुरुषोत्तम द्वारा महिला बाल विकास विभाग की दो पर्यवेक्षक निलंबित (Suspended) कर दिया है।  इसमें पाया कि आलोट परियोजना की पर्यवेक्षक माया वर्मा तथा पिपलोदा परियोजना के आंबा सेक्टर की पर्यवेक्षक  सुनीता नरेश द्वारा एकीकृत पोषण प्रबंधन कार्यक्रम में सबसे खराब प्रदर्शन किया गया है।

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वही खंडवा में महिला एवं बाल विकास अंतर्गत जिला कार्यक्रम अधिकारी  विष्णुप्रताप सिंह राठौड़ द्वारा जिला स्तर पर समस्त पर्यवेक्षको की बैठक आयेाजित कर विभागीय विभिन्न योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई।इसमें जिले के कम प्रगति वाले 3 परियोजना अधिकारी, 8 पर्यवेक्षक व 80 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नोटिस दिए गये है।साथ ही कहा गया कि यदि आगामी समीक्षा तक उनके कार्य में यथोचित प्रगति नही परिलक्षित होती है तो उनके विरूद्व कार्यवाही की जावेगी।

जिला कार्यक्रम अधिकारी  विष्णुप्रताप सिंह राठौड़  ने निर्देषित किया गया कि कुपोषण निवारण हेतु चल रहे आईएमएएम कार्यक्रम में तेजी से प्रगति लाते हुए अधिक से अधिक बच्चो की प्रगति की फॉलोअप रिपोर्ट लेवे तथा उनके सघन गृहभेंट कर परिवार को समझाईस देवें जिससे बच्चे के वजन मे वृद्वि हो सके। तत्पश्चात् विभागीय विडियो कान्फ्रेन्सिंग के पश्चात् परियोजना, सेक्टर, आंगनवाड़ी स्तर की समीक्षा करने पर ज्ञात हुआ कि अपेक्षा अनुरूप उपलब्धि नही हुई है।

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इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में काम में लापरवाही बरतने पर मुरैना कलेक्टर बी कार्तिकेयन बाल विकास परियोजना पोरसा की पर्यवेक्षक माधवी त्रिवेदी को नोटिस जारी किया गया है। जांच में पाया गया है कि उनके द्वारा काम में कोई रूचि नहीं ली गई और 9 अगस्त को गडि़या रायपुर पर कैंप में भी अनुपस्थित थीं जबकि परियोजना अधिकारी को कैंप में उपस्थित होकर लोगों को लाभान्वित करना था।नोटिस में त्रिवेदी को चेतावनी बतौर निर्देश दिये हैं कि तीन दिवस में अपना अभिमत संबंधित परियोजना में प्रस्तुत करें। समयावधि के बाद संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर आपके विरू़द्ध निलंबन की कार्यवाही की जायेगी।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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