कोलकाता, डेस्क रिपोर्ट। राज्य के 6th-7th pay commission कर्मचारियों (Employees) के लिए बड़ी खबर है। राज्य सरकार द्वारा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (supreme court) का रुख किया गया है। दरअसल राज्य सरकार द्वारा 3 महीने के भीतर राज्य सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का भुगतान (DA Hike) करने के निर्देश हाई कोर्ट द्वारा दिए गए हैं। जिसकी समय सीमा समाप्त हो चुकी है।
वह राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ कर्मचारी उग्र हो गए हैं। हालांकि मामले में राज्य के संसदीय मामले के कृषि मंत्री शोमनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि कर्मचारियों को शांत रहना चाहिए। ममता बनर्जी ने कभी नहीं कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को बकाया डीए का भुगतान नहीं किया जाएगा। हालांकि भुगतान सही समय पर किया जाना है।
वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर कोलकाता उच्च न्यायालय के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली याचिका पर विपक्ष ने भी ममता सरकार को घेरने का काम शुरू कर दिया है। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी की सरकार को भिखारी की सरकार करार दिया है।
बता दें कि इससे पहले न्यायमूर्ति हरीश टंडन और रविंद्र नाथ सामंत की कोलकाता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने 22 सितंबर को ममता सरकार की एक समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया था। इस समीक्षा याचिका में 20 मई के उस फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया गया था। जिसमें राज्य के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते के भुगतान के निर्देश दिए गए थे।
इसके अलावा खंडपीठ ने राज्य सरकार को कर्मचारियों के संघ द्वारा दायर अवमानना याचिका की सुनवाई की तारीख 9 नवंबर भी तय कर दी थी। जिसमें आरोप लगाया गया कि अधिकारियों ने मई 2022 में 3 महीने के भीतर भुगतान की मंजूरी नहीं दी है।
इससे पहले हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि 19 अगस्त तक कर्मचारियों के बकाया राशि का भुगतान किया जाए। वहीं राज्य सरकार ने कोलकाता उच्च न्यायालय में एक हलफनामा प्रस्तुत किया। जिसमें कहा गया कि अदालत के निर्देश के अनुसार अभी बकाया भुगतान करने में राज्य को वित्तीय आपदा का सामना करना पड़ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर होने के बाद एक बार फिर से कर्मचारियों को अपने डीए के बकाए के भुगतान के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। बता दे पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा कर्मचारियों को उनके बकाए महंगाई भत्ते का भुगतान नहीं किया गया है। जिससे कर्मचारी काफी परेशान है।