सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी-पेंशनर्स को दी बड़ी राहत, 15000 रूपए की वेतन सीमा रद्द, मिलेगा 6 महीने का अतिरिक्त समय

Kashish Trivedi
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने पेंशन (pension) मामले में अपना महत्वपूर्ण फैसला सुना दिया है। दरअसल कोर्ट के फैसले से 6th-7th pay commission कर्मचारियों (employees) पर इसका बड़ा असर पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार को कर्मचारी पेंशन संशोधन योजना 2014 की वैधता को बरकरार रखा गया है। इसके बरकरार रखने के साथ ही कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों को 6 महीने की सुविधा का लाभ दिया है।

कर्मचारी पेंशनर्स के लिए जरूरी सूचना है। दरअसल कटऑफ संबंधी मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेश जारी करते हुए कर्मचारी पेंशन को बड़ी राहत दी गई है। लाभार्थी को 6 महीने का समय और दिया जाएगा। जिन कर्मचारी द्वारा पेंशन योजना में शामिल होने के विकल्प का प्रयोग नहीं किया गया है। वह 6 महीने के भीतर इसके लिए विकल्प का प्रयोग कर सकेंगे।

कोर्ट ने कहा कि वैसे कर्मचारियों पेंशन योजना में शामिल होने के हकदार थे लेकिन ऐसा नहीं कर सकते हैं। अब इसके लिए पात्र हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी पेंशन संशोधन योजना 2014 के प्रावधानों को कानूनी रूप से वैध माना है और कर्मचारियों को अतिरिक्त छ: महीने देने की बात कही है।

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कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि कुछ कर्मचारियों ने अभी तक कटऑफ तिथि के भीतर विकल्प का प्रयोग नहीं किया है। उन्हें अतिरिक्त अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। कर्मचारी पेंशन संशोधन योजना के प्रावधानों को अमान्य करने वाले उच्च न्यायालय के निर्णय के मद्देनजर कटऑफ तिथि के बारे में स्पष्टता की कमी देखने को मिली है। जिसके बाद कोर्ट ने कटऑफ तिथि बढ़ाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शक्तियों का प्रयोग किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्मचारी पेंशन संशोधन योजना 2014 की वैधता को बरकरार रखते हुए पेंशन फंड में शामिल होने के लिए 15000 रूपए मासिक वेतन की सीमा को भी रद्द कर दिया है। 2014 के संशोधन में अधिकतम पेंशन योग्य वेतन को 15000 प्रतिमाह पर सीमित किया गया था। संशोधन से पहले अधिकतम पेंशन योग्य वेतन 6500 रूपए प्रतिमाह थे।

पीठ ने 2014 की योजना की शर्त को अमान्य करार दिया है। जिसमें कर्मचारियों को 15000 से अधिक के वेतन पर 1.16 प्रतिशत का अतिरिक्त योगदान देना होता था। अदालत ने यह भी कहा कि सीमा से अधिक वेतन पर अतिरिक्त योगदान की स्वैच्छिक होगी। कोर्ट ने यह भी जोड़ा गया है कि निर्णय के इस हिस्से में 6 महीने के लिए निलंबित रखा जाएगा। ताकि अधिकारियों को वेतन जनरेट करने में सक्षम बनाया जा सके।


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