तीनों कृषि कानून निरस्त, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लगाई अंतिम मुहर

Atul Saxena
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। जिन तीन कृषि क़ानूनों (three agricultural laws) को लेकर देश में किसान एक साल से आंदोलन कर रहे थे आखिरकार वे आज बुधवार 01 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) के हस्ताक्षर करते ही निरस्त  (three agricultural laws repealed) हो गए। जिस बिल के तहत इन कृषि कानूनों को निरस्त किया गया है उसे कृषि कानून निरसन अधिनियम 2021 नाम से जाना जायेगा।

केंद्र सरकार द्वारा लाये गए तीन कृषि कानूनों को किसानों के लम्बे विरोध के बाद सरकार ने वापस ले लिया और आज बुधवार को वे निरस्त हो गए। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 19 नवम्बर को कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी उसके बाद सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र (winter session of parliament) के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में इसे वापस ले लिया गया था और निरस्त करने के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया था।

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर होते ही तीनों कृषि कानूनों,  मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 पर किसान (अधिकारिता और संरक्षण) समझौता, किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 अब निरस्त माने जाएंगे।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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