भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। दरअसल लापरवाही (Negligence) बरतने वाले अधिकारी कर्मचारियों को निलंबित नोटिस जारी करने की कार्यशैली के बीच बड़ी कार्रवाई ग्वालियर (gwalior) जिले में की गई है। मध्य प्रदेश में सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline)-181 पोर्टल पर शिकायतों का संतुष्टि करण निराकरण न करने के कारण गाज गिरी है। दरअसल शिकायतों को रिटर्न न करने के कारण 32 अधिकारियों को नोटिस (notice) जारी किया गया है।
ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सभी अधिकारियों को अलग-अलग कारण से कारण बताओ नोटिस जारी किया है। वही 3 दिन में जवाब तलब किए गए हैं। इतना ही नहीं कलेक्टर ने कहा कि यदि जवाब संतुष्टिकरण नहीं हुए तो उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। जिन अधिकारी कर्मचारियों को नोटिस जारी किया गया। उसमें नायब तहसीलदार, विद्युत वितरण कंपनी उप प्रबंधक, नगर निगम के APDO, जीडीए के संपदा अधिकारी, तहसीलदार, टीआई कंपू, मुख्य नगरपालिका अधिकारी, प्रधानाचार्य आयुर्वेदिक महाविद्यालय सहित पुरानी छावनी के नायब तहसीलदार मौजूद है।
इसके अलावा बाल विकास परियोजना अधिकारी, जोनल ऑफिसर, नगर निगम सहित कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी, सिविल सर्जन, एसडीओ पीडब्ल्यूडी, बीआरसी, सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग कल्याण, अधीक्षक स्थापना नगर, भवन अधिकारी नगर निगम सहित सहायक कुलसचिव, तहसीलदार तत्कालीन SADO डबरा, तहसीलदार डबरा भितरवार, सीएमओ अंतरी सहित AE ऊर्जा विभाग और बीएमओ को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
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इसके अलावा एक बड़ी कार्रवाई रीवा जिले में की गई है। जहां शहर के एक शासकीय स्कूल के प्रिंसिपल पर अश्लील ऑडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद लोक शिक्षण संचनालय ने प्राचार्य को निलंबित कर दिए हैं। जानकारी के मुताबिक प्राचार्य के खिलाफ एफ आई आर दर्ज किया गया है। इससे पहले पुष्टि पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने मामले की जानकारी जुटाने के बाद मामला दर्ज करने के निर्देश दिए थे।
वायरल ऑडियो की माने तो प्रिंसिपल अपने स्कूल की छात्रा को अकेले में मिलने के लिए दबाव बना रहा था। जिसके बाद बुधवार को लोक शिक्षण संचालनालय ने आरोपित प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया है। वहीं यह पूरा मामला शासकीय उधातर माध्यमिक विद्यालय मार्तंड 2 का है। विस्तृत जानकारी की माने तो नौवीं की छात्रा स्कूल में किसी से मोबाइल पर बात कर रही थी।
जिसके प्रिंसिपल ने उसे सीसीटीवी फुटेज से देख लिया, उसके बाद उसे ब्लैकमेल करने लगा। स्कूल का प्रिंसिपल छात्रा से अश्लील बातें करता था और उसे अकेले में मिलने का दवाब बना रहा था। ऑडियो वायरल होने के बाद छात्र संगठन ने ऑडियो की शिकायत दी और जेडी से की। जिसके बाद ऑडियो की जांच के लिए टीम गठित की गई थी। वही जांच सही पाए जाने के बाद प्रिंसिपल पर कार्रवाई की गई है।
एक अन्य कार्रवाई ग्वालियर जिले में की गई है। जहां स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान कार्य में लापरवाही बरतने पर नगर निगम आयुक्त ने वार्ड 29 WHO दलवीर मोरे और वार्ड 38 के डब्ल्यूएचओ बबलू भैरुआ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। जानकारी के मुताबिक नगर निगम आयुक्त द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें कार्य में संतोषजनक प्रगति ना देखते हुए यह कार्रवाई की गई है।
वहीं उन्होंने निर्देश दिया है कि सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान अगर कोई गंदगी करता है तो 5000 से लेकर 100000 तक का जुर्माना वसूल किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि Garbage फ्री सिटी की टीम सिलेक्शन के लिए 25 अप्रैल तक ग्वालियर पहुंचेंगे। जिले को Garbage फ्री सिटी में सर्वाधिक अंक मिले इसके लिए प्रत्येक घर से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग लेना शुरू करें। प्रथम चरण में सर्वेक्षण टीम का सकारात्मक सर्वेक्षण रहा है। वही सभी को बेहतर नतीजे की उम्मीद है।
वहीं एक अन्य कार्यवाही देवास जिले में की गई है। जहां कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला द्वारा जिला पंचायत सभागृह की बैठक में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई। इस दौरान कलेक्टर ने लापरवाह बरतने वाले अधिकारी कर्मचारियों पर सख्ती दिखाई है। दरअसल कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला ने दो उपयंत्रीयों के संविदा समाप्ति के निर्देश दे दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक दोनों उपयंत्री पर सड़क निर्माण को लेकर गड़बड़ी के आरोप लगे थे। जांच में सही पाए जाने के बाद कलेक्टर शुक्ला द्वारा यह कार्रवाई की गई है। इतना ही नहीं कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला ने छह उपयंत्रियो और 2 सहायक यंत्रियों को भी नोटिस थमा दिया है।
कलेक्टर ने कहा कि हर महीने मनरेगा की समीक्षा की जाएगी। जिस की परफॉर्मेंस न्यूनतम होगी। उन अधिकारियों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी रहेगा। इसके साथ ही साथ हर 15 दिन पर बैठक में सहायक यंत्री द्वारा अपने कार्य की रिपोर्ट पेश की जाएगी।