भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश में लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों (MP Employees) पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। एक बड़ी कार्रवाई इंदौर (Indore) में क्षेत्र स्थित अस्पताल प्रबंधन की मनमानी दुकान के लाइसेंस को निलंबित (suspend) कर दिया गया। इसके अलावा अस्पताल से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट इसका निपटारा नहीं करने की वजह से नगर निगम ने अस्पताल पर 1 लाख रूपए का जुर्माना (Fine) लगाया है।
दरअसल कलेक्टर को शिकायत मिली कि अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों पर दबाव बनाया जा रहा है कि अस्पताल के ही मेडिकल स्टोर से दवाई खरीदी की जाये। जिसके बाद कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को समझते मामले की जांच करें। जिसमें अस्पताल के खिलाफ मनमानी और अनियमितता की शिकायतें सामने आई है। जिस पर यह कार्रवाई की गई है।
वहीं एक अन्य कार्यवाही जबलपुर में की गई है। जहां हावड़ा से चलकर जबलपुर आ रही शक्तिपुंज एक्सप्रेस में टीटीई ने यात्रियों से अतिरिक्त पैसे वसूली किए हैं। वही विजिलेंस के जांच में टीटीई से 5700 अतिरिक्त मिलने के बाद जबलपुर रेल मंडल के कमर्शियल विभाग ने सख्त कार्रवाई की है और सीनियर डीसीएम विश्वरंजन ने टीटीई को निलंबित कर दिया है।
इधर एक अन्य कार्रवाई इंदौर में की गई है। जहां नगर निगम के संपत्ति कर के प्रकरण मामले में नामांतरण की प्रक्रिया में विलंब करने और अनियमितता बढ़ने की शिकायत पर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने सहायक राजस्व अधिकारी को निलंबित कर दिया है। जानकारी के मुताबिक संपत्ति कर के नामांतरण के प्रकरण मामले में भारी लापरवाही देखने को मिली थी।
वही बिना कारण प्रकरण को लंबित रखने पर निगम के जोन नंबर 11 के सहायक राजस्व अधिकारी महेंद्र राठौर को निगम आयुक्त द्वारा निलंबित करने की प्रक्रिया पूरी की गई है। इस मामले में आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके अलावा 1 अप्रैल से 30 जून तक की अवधि में कम वसूली करने के कारण सहायक राजस्व अधिकारी पुनीत अग्रवाल और अलग-अलग जोन के 12 बिल कलेक्टर के वेतन पर भी रोक लगाई गई है।
एक ने कार्रवाई जबलपुर में की गई। जहां हाई कोर्ट ने जबलपुर जिले की ग्राम पंचायत के सरपंच पद के चुनाव की पुनः मतगणना मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी को अवमानना नोटिस जारी कर दिया है। दरअसल प्रारंभिक पर सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कलेक्टर को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
इधर हाईकोर्ट ने रेत खनन मामले में राज्य शासन को भी नोटिस जारी किया है। दरअसल राज्य शासन को नोटिस जारी करते हुए उनसे पूछा गया है कि कम खनन के बावजूद अधिक रॉयल्टी वसूलने के पीछे क्या कारण है। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिक और न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव खनिज निगम के डायरेक्टर और पन्ना कलेक्टर को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा है।
इधर भोपाल में आयुष्मान भारत योजना में भारी गड़बड़ी और फर्जीवाड़ा सामने आया है।शहर के डीआईजी बंगला क्षेत्र में स्थित गुरु आशीष अस्पताल में भर्ती मरीजों के आधार पर आसमान योजना से करीब 4.5 करोड़ का क्लेम लिया गया है। वही यह वैसे मरीज है जो अस्पताल में भर्ती ही नहीं हुए हैं। जिसके बाद मंगलवार को अस्पताल के धोखाधड़ी के आरोप में f.i.r. दर्ज किया गया है। सीएमएचओ द्वारा अस्पताल को नोटिस जारी कर अस्पताल के रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की प्रक्रिया की कार्रवाई शुरू की गई है।