छत्तीसगढ़ में नियमितीकरण को लेकर पेंच फंस गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में लाखों अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण पर जानकारी अभी तक फिलहाल पूरी नहीं आई है। जानकारी का अभाव होने की वजह से नियमितीकरण की प्रक्रिया तय की गई है जबकि दूसरी तरफ लाखों अनियमित कर्मचारी सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी में है।
कर्मचारियों की हड़ताल
प्रदेश सेवानिवृत्त कर्मचारियों की हड़ताल चल रही है। नियमितीकरण नहीं होने से अनियमित कर्मचारी में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसके साथ ही अनियमित कर्मचारी द्वारा अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए अब नई तरह की कोशिश की जा रही है। अनियमित कर्मचारी अपनी मांगों को पूरा करने के लिए अर्धनग्न प्रदर्शन करेंगे।
अनियमित कर्मचारी कि नई तैयारी
इतना ही नहीं अर्धनग्न प्रदर्शन के साथ ही अनियमित कर्मचारी सीएम हाउस का घेराव भी करेंगे। इसके लिए तमाम मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ एक बड़ी बैठक बुलाई गई है। मोर्चा के संयोजक गोपाल प्रसाद साहू ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि कांग्रेस विपक्ष में बैठी थी तो उन्होंने वादा किया था कि 10 दिन के भीतर कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। साढ़े 4 साल का वक्त बीतने के बाद भी अब तक कर्मचारियों के नियमितीकरण को पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का आक्रामक तरीके से आंदोलन करने की तैयारी में है।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि कर्मचारियों के आंदोलन को हम कभी मना नहीं कर सकते है। विभिन्न विभागों के संविदा कर्मी दैनिक वेतन भोगी तमाम सहित चार पांच कैटेगरी है। उसके बारे में जानकारी मंगाई गई है। समिति का भी गठन किया गया है। अब तक दो बैठक की हो चुकी है। पांच प्रश्न सभी विभागों को दिए गए थे। जिसमें से आधे विभाग से जानकारी आ गई है जबकि आधे जानकारी आनी अभी बाकी है। पूरी जानकारी के अभाव में निर्णय लेने से रोका गया है। जानकारी आने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा और उस पर विचार किया जाएगा।
अनियमित कर्मचारियों की संख्या
इससे पहले बजट के दूसरे दिन भी विधानसभा में अनियमित कर्मचारियों का मुद्दा गुंजा था। जिस पर जानकारी देते हुए सीएम ने कहा था कि 40 विभाग में 87256 और नियमित और संविदा कर्मचारी हैं जबकि 22 विभागों से अब तक जानकारी सामने नहीं आई है। सबसे ज्यादा संविदा कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग में 25793 हैं। इसके साथ ही अनियमित और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की संख्या 50385 है।
जबकि संविदा कर्मचारियों की संख्या 36871 के करीब है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि 24 विभागों से जानकारी प्राप्त हुई है शेष 22 विभाग से जानकारी प्राप्त होने के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ेगी जबकि कर्मचारियों को कहना है कि 4 साल इंतजार करने के बाद सरकार के विरुद्ध बड़े आंदोलन की तैयारी की जा रही है।