इसके लिए नियम भी तय किए गए हैं। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस शैक्षणिक सत्र 2022 23 से ऑस्ट्रेलिया की मौन इस यूनिवर्सिटी के साथ फील्ड ऑफ इंटरनेशनल डेवलपमेंट प्रैक्टिस और यूके की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के साथ सोशल एंटरप्रेन्योर और इंटरनेशनल बिजनेस में बीएड डिग्री प्रोग्राम शुरू करने की तैयारी की जा रही।
बता दें कि पढ़ाई के साथ ही छात्रों को ट्विन प्रोग्राम ज्वाइन डिग्री और ड्यूल डिग्री तक की डिग्रियां उपलब्ध कराई जाएगी। इस प्रोग्राम के तहत छात्रों को कुछ कोर्स में एक दो या तीन सेमेस्टर की पढ़ाई विदेशी विश्वविद्यालय में जाकर करनी होगी। एक तरह से स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत इसमें शामिल होंगे। 30 फीसद कोर्स क्रेडिट विदेशी विश्वविद्यालय से प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
जबकि संयुक्त डिग्री में एक भारतीय और दूसरे विदेशी विश्वविद्यालय मिलकर डिग्री प्रोग्राम तैयार करेंगे। इसकी डिग्री भारतीय विश्वविद्यालय की होगी। उनमें दोनों विश्वविद्यालय के नाम और लोगो शामिल रहेंगे। कम से कम 30 30 फीसद क्रेडिट दोनों विश्वविद्यालय से प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
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वही ड्यूल डिग्री की बात करें तो यह एक भारतीय और दूसरे विदेशी विश्वविद्यालय डिग्री प्रोग्राम के तहत शामिल किए जाएंगे। दोनों विश्वविद्यालय अलग-अलग बिक्री जारी करेंगे दोनों प्रोग्राम में 30 से अधिक क्रेडिट स्कोर करना छात्रों के लिए अनिवार्य होगा।
बता दें कि इससे पहले विदेशी विश्वविद्यालय की डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई करने के लिए छात्रों को पूरी पढ़ाई विदेश में जाकर करनी पड़ती थी। लाखों रुपए की फीस और अनेक व्यय और खर्चे से छात्रों को अब मुक्ति मिलेगी। अधिकतर छात्र डिग्री प्रोग्राम का हिस्सा हो पाएंगे। यूजीसी के नए नियम में महज 3 फीसद कोर्स करके विदेशी विश्वविद्यालय की डिग्री पाने का मौका मिल सकता है।
मामले में यूजीसी के चेयरमैन जगदीश कुमार का कहना है कि अभी 48 विश्वविद्यालय में विदेशी विद्यालय के साथ मिलकर दोहरी और संयुक्त डिग्री की पढ़ाई करवाने की सहमति दी गई है। अन्य विश्वविद्यालय इस योजना पर काम कर रहे हैं। यूजीसी नियम 2022 के तहत भारतीय और विदेशी विश्वविद्यालय लिखित समझौते के तहत संयुक्त डिग्री उपलब्ध कराएंगे।
इसमें प्रवेश प्रक्रिया, फीस, पाठ्यक्रम कोर्स, वीजा, इंटर्नशिप प्लेसमेंट से लेकर अन्य सभी शर्तें और एटीएम शामिल होंगे। इससे भारतीय छात्रों को विदेशी विश्वविद्यालय की डिग्री की पढ़ाई का मौका मिलेगा। विदेशी छात्र भी भारत में आकर डिग्री हासिल कर सकेंगे।