भोपाल, डेस्क रिपोर्ट मध्य प्रदेश में पंचायत (MP panchayat Election) और नगरीय निकाय चुनाव (MP Urban body election) के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है। ऐसे पहले लगातार निर्वाचन आयुक्त (election commissioner) द्वारा जिला कलेक्टर को निर्देश दिए जा रहे हैं। बीते दिनों जहां निर्वाचन आयुक्त ने कलेक्टर को जल्द मतगणना स्थल सहित स्ट्रांग रूम (strong room) का चयन करने के निर्देश दिए थे। वहीं अब निर्वाचन प्रेक्षक (election observer) की नियुक्ति कर दी गई है। इस दौरान निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग की आंख और कान निर्वाचन प्रेक्षक होते है।
इनकी विश्वसनीयता से ही आयोग को वस्तुस्थिति की संपूर्ण जानकारी मिलती है। जिसके साथ ही सभी जिलों के लिए प्रेक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है। राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कहा कि निर्वाचन प्रेक्षक राज्य निर्वाचन आयोग के ऑंख और कान की भूमिका का निर्वहन करते हैं। प्रेक्षकों से आयोग को वस्तु स्थिति की जानकारी मिलती है। आयुक्त बसंत प्रताप सिंह निर्वाचन प्रेक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने निर्वाचन कार्यक्रम के बारे में प्रेक्षकों को जानकारी दी।
बसंत प्रताप सिंह ने प्रेक्षकों से कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया के हर स्तर पर नजर रखें। यह सुनिश्चित करें कि आयोग के निर्देशानुसर कार्यवाही हो। उन्होंने कहा कि मतगणना स्थल और स्ट्रांग रूम की आवश्यक व्यवस्थाओं की समीक्षा कर लें। कहीं कोई सामस्या हो तो आयोग को अवगत करावें।
राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर से.नि. आईएएस डी.पी. तिवारी ने चुनाव के दौरान प्रेक्षकों की भूमिका के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रेक्षकों का दायित्व है कि निर्वाचन शांतिपूर्ण और भय, दबाव एवं प्रलोभन से मुक्त वातावरण में हो। यह देखें कि जिले में आदर्श आचरण संहिता का पालन समुचित रूप से सुनिश्चित हो।
मतदाताओं को बेहचक अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करायें। मतदान केन्द्रों का आकस्मिक भ्रमण करें। निर्वाचन कार्य में लगने वाले प्रपत्रों एवं अन्य निर्वाचन सामग्री की उपलब्धता की समीक्षा कर लें। आयोग को समय पर ऑनलाइन रिपोर्ट भेजें। सचिव राज्य निर्वाचन आयोग राकेश सिंह, ओएसडी दुर्ग विजय सिंह एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
निर्वाचन प्रेक्षक
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत एवं नगरीय निकाय निर्वाचन के पर्यवेक्षण के लिए प्रत्येक जिले में निर्वाचन प्रेक्षक नियुक्त किये गए है। सेवानिवृत्त आईएएस/राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को प्रेक्षक नियुक्त किया गया है। जिला मुरैना में रविन्द्र कुमार मिश्रा, श्योपुर में रामप्रसाद भारती, भिंड में नरेन्द्र कुमार त्रिवेदी, ग्वालियर में बी.एम. शर्मा, शिवपुरी में अनूप तिवारी, दतिया में \हरिशंकर रावत, गुना में \विजय अग्रवाल, अशोकनगर में अशोक कुमार शर्मा, उज्जैन में डी.पी. तिवारी, नीमच में प्रकाश व्यास, रतलाम में डॉ. अशोक कुमार भार्गव, शाजापुर में अरूण कुमार तोमर, आगर-मालवा में महेंद्र सिंह भिलाला, मंदसौर में रामेश्वर गुप्ता, देवास में चतुर्भुज सिंह, भोपाल में राजेश कुमार जैन को निर्वाचन प्रेक्षक बनाया गया है।
सीहोर में प्रदीप खरे, विदिशा में एस.एन. रूपला, राजगढ़ में राजेंद्र सिंह, रायसेन में अजातशत्रु श्रीवास्तव, नर्मदापुरम में डी.डी. अग्रवाल, हरदा में एस.के. उपाध्याय, बैतूल में राजेंद्र कुमार राय, शहडोल में शिवानंद दुबे, अनूपपुर में व्ही.के. चतुर्वेदी, उमरिया में आर.आर. वामनकर, इंदौर में एस.बी. सिंह, झाबुआ में एस.एस. राठौर, अलीराजपुर में डॉ. रामप्रकाश तिवारी, धार में अशोक कुमार वर्मा, खरगोन में पी.एल. सोलंकी, बड़वानी में पी.के. वर्मा को निर्वाचन प्रेक्षक बनाया गया है।
खंडवा में कृष्णमोहन गौतम, बुरहानपुर में अशोक कुमार व्यास, सागर में निसार अहमद, टीकमगढ़ में शिव कुमार मिश्रा, पन्ना में जे.एस. मंडलोई, छतरपुर में मदन सिंह ठाकुर, दमोह में अनंतनारायण अरोरा, निवाड़ी में शैलेंद्र कियावत, जबलपुर में उपेंद्रनाथ शर्मा, कटनी में शैलेंद्र खरे, नरसिंहपुर में अमर सिंह चंदेल, छिंदवाड़ा में राजा सिंह परिहार, सिवनी में गोविंद सिंह चौहान, बालाघाट में शरद कुमार श्रोत्रीय, डिंडोरी में रविंद्र कुमार चौकसे, मंडला में मदनलाल कौरव, रीवा में आर.आर. गंगारेकर, सतना में भारत भूषण गंगेले, सीधी में आर.एस. कनेरिया और सिंगरौली में दिनेशचन्द्र सिंघी को निर्वाचन प्रेक्षक बनाया गया है।