तिरुवनंतपुरम, डेस्क रिपोर्ट राज्य में जल्द Contributory pension system को लेकर बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। अंशदाई पेंशन योजना (Contributory Pension Scheme) को लेकर राज्य सरकार ने तैयारी की है। वहीं राज्य सरकार अब आयोग के निर्देश पर उच्च न्यायालय (high court) का दरवाजा खटखटा सकती है। माना जा रहा है कि जल्द ही राज्य में कंट्रीब्यूटरी योजना को लागू करने पर विचार किया जा सकता है।
केरल सरकार राज्य सूचना आयोग के एक निर्देश के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने पर विचार कर रही है, जिसमें अंशदायी पेंशन योजना की जांच करने वाली समीक्षा समिति की रिपोर्ट आवेदक को सौंपी जाए। केरल सरकार के वित्त विभाग ने अदालत में जाने पर कानूनी राय मांगी है। 14 मार्च को आयोग ने फैसला सुनाया कि रिपोर्ट एक सार्वजनिक दस्तावेज है और इसलिए 10 दिनों के भीतर आवेदक के साथ साझा किया जाना चाहिए।
राज्य के वित्त सचिव द्वारा रिपोर्ट की एक प्रति प्रदान करने से इनकार करने के बाद, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कर्मचारी संघ, संयुक्त परिषद ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत आवेदन दायर किया। परिषद ने सचिव के रुख को आरटीआई अधिनियम का उल्लंघन करार दिया। इस बीच राज्य सरकार ने तर्क दिया कि रिपोर्ट को साझा नहीं किया जा सकता क्योंकि इसकी समीक्षा की जा रही थी, संबंधित फाइल 2021 जुलाई से राज्य के वित्त मंत्री के पास है।
ज्ञात हो कि इससे पहले तीन राज्य द्वारा पेंशन योजना लागू करने को लेकर लगातार नियम में बदलाव किए गए हैं। वहीं छत्तीसगढ़-राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना लागू की जा चुकी है जबकि बिहार सहित कई राज्य में केंद्र की तर्ज पर एनपीएस में नवीन बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इसी बीच केरल सरकार जल्द अंशदाई पेंशन योजना लागू कर पेंशनर्स को बड़ी राहत दे सकती है। दरअसल कंट्रीब्यूटरी पेंशन सिस्टम के तहत प्रदेश के पेंशनर्स को बड़ा लाभ हो सकते हैं।
कंट्रीब्यूटरी पेंशन योजना में पुरानी पेंशन योजना के तहत ही कर्मचारी पेंशनर्स को लाभ दिए जाएंगे। जहां मूल वेतन के 50 फीसद सहित गारंटीड पेंशन योजना को इसमें शामिल किया जा सकता है। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और गोवा जैसे राज्यों ने अंशदायी पेंशन योजना को वापस लेने के आदेश पहले ही जारी कर दिए हैं। केरल ने हालांकि अभी कोई फैसला नहीं किया है। अन्य राज्यों और केंद्र सरकार ने योजना के तहत पारिवारिक पेंशन और ग्रेच्युटी जैसे लाभों की अनुमति दी है, जो केरल में उपलब्ध नहीं है।