दरअसल, दो दिन पहले कमलनाथ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय कोरोना (Coronavirus) नाम का एक नया शब्द दिया था जिसे लेकर विवाद हो गया था। कमलनाथ ने कहा था कि पूरे देश के अंदर फैले कोरोना ने विश्व में भारत को बदनाम कर दिया है और हालत यह है कि अब कोरोना वैरीएन्ट का नाम इंडिया वैरीएन्ट हो गया है।विदेशों में लोगों ने भारतीयों से मिलना जुलना बंद कर दिया है और भारतीयों का विदेशो में प्रवेश भी निषेध हो रहा है। उन्होंने इन सब बातों के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया था।
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इतना ही नहीं, कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में सरकारी आंकड़ों पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि कोरोना से प्रदेश में एक लाख से ज्यादा मौतें हुई है और उन्होंने खुद एक सर्वे कराया है जिसके माध्यम से यह मालूम पड़ा है कि अप्रैल और मार्च के महीने में पूरे प्रदेश के अंदर लगभग सवा लाख मौतें हुई जिसमें से 80% कोरोना के चलते हुई।
इसके अलावा हनी ट्रैप मामले पर भी उन्होंने बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि उमंग सिंगार मामले में सरकार ने निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की तो फिर उनके पास हनीट्रैप की असली पेनड्राइव है। इन सब बातों को लेकर बीजेपी ने यह सवाल खड़े किए थे कि संवैधानिक पद पर बैठे हुए कमलनाथ इस तरह का बयान कैसे दे सकते हैं और उनका यह बयान राजद्रोह की श्रेणी में आता है। गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने तो राज्यपाल से कमलनाथ के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने की भी मांग की थी।
FIR COPY- https://mpbreakingnews.in/wp-content/uploads/2021/05/mpbreaking17832405.pdf