इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) में सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) में लंबित मामले पर एक बार फिर से कार्रवाई तेज हो गई है। अकेले प्रदेश के आर्थिक राजधानी इंदौर (ndore) में 11000 शिकायतें लंबित है। जिस पर अब कलेक्टर मनीष सिंह ने जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा तीन तहसीलदारों को कारण बताओ नोटिस (So cause notice) जारी किया है।
जानकारी के मुताबिक इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा अधिकारियों की बैठक ली गई। जिसमें तहसीलदार ने करीब 1 महीने से सीएम हेल्प लाइन (CM Helpline) के प्रकरण पर नजर तक नहीं डाली थी। वही 50 से अधिक प्रकरण लंबित होने के कारण उन्हें नोटिस (notice) जारी किया गया है। इसके अलावा तहसीलदार और नायब तहसीलदार द्वारा सीएम हेल्पलाइन की समस्या का निराकरण नहीं किया गया है। जिसके कारण नोटिस जारी की गई है। वहीं बैठक में कलेक्टर ने सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार, एसडीएम को कर्तव्य का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन करने के निर्देश दिए हैं।
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कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ज्यादा समय तक सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) के प्रकरण को अपने पास ना रखा जाए और जल्द से जल्द उसके निराकरण किए जाए। इसके अलावा यदि किसी भी कर्मचारी की लापरवाही की खबर सामने आती है तो उसके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को समय-समय पर कार्यालय के निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल इंदौर जिले में विभिन्न विभाग की 11000 शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर लंबित हैं। इनमें 1000 case 100 दिन से अधिक पुरानी है जबकि 3500 से अधिक शिकायत नगर निगम से संबंधित है। कई ऐसी शिकायतें भी है। जिसमें विभाग पुलिस और बैंक से संबंधित शिकायत का निराकरण किया गया है। जिस पर कलेक्टर मनीष सिंह (manish singh) द्वारा कार्रवाई तेज करते हुए राऊ तहसीलदार महेंद्र गौर, हातोद तहसीलदार ममता पटेल और नायब तहसीलदार हंसा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।