Cheetah In MP : 70 साल बाद देश में दिखेंगे चीते, जन्मदिन पर PM Modi देंगे चीता युग का तोहफा, संख्या 500 होने पर सफल होगा पुनर्व्यवस्थापन

Kashish Trivedi
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श्योपुर, डेस्क रिपोर्ट। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन (PM Modi birthday) 17 सितंबर पर देश को चीता का तोहफा (Cheetah in MP) देंगे। कुछ ही देर में नामीबिया से स्पेशल प्लेन के जरिए चीते ग्वालियर पहुंचेंगे। इससे पहले भारत में 1948 में आखिरी बार चीते को देखा गया था। इसके बाद इसे विलुप्त घोषित कर दिया गया था। अब 70 साल के बाद भारत का इंतजार समाप्त होने वाला है।

सुबह 8:00 बजे नामीबिया से चीते भारत की जमीन पर कदम रखेंगे। 24 लोगों की टीम द्वारा चीता ग्वालियर एयरवेस में उतारा जाएगा। जिसके बाद ही स्पेशल प्लेन से इन्हें बाहर निकालकर इनका रुटीन चेकअप किया जाना है 9:00 बजे चीता को कूनो नेशनल पार्क पहुंचाया जाएगा। वहीं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सुबह 9:30 बजे कूनो नेशनल पार्क पहुंचेंगे। उनके साथ नरेंद्र सिंह तोमर कूनो में पीएम मोदी का स्वागत करेंगे। रुटीन चेकअप के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 11:00 बजे तीनों चीजों को खोलकर बाहर से आए चीतों को क्वारंटाइन बाड़े में रिहा करेंगे।

दरअसल दक्षिण अफ्रीका से प्रीटोरिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने बताया कि भारत आ रहे चीतों की संख्या कुल आठ है। जिसमें दो सगे भाई बहन है। इन दोनों की उम्र ढाई से 5 वर्ष के बीच बताई जा रही है। हालांकि आमतौर पर चीते की औसत उम्र 12 वर्ष निर्धारित की गई है। वही ऐसा पहली बार हो रहा है जब बड़े मांसाहारी वन्यप्राणी की शिफ्टिंग की गई है। चीतों को पाक के क्वॉरेंटाइन बाड़े में छोड़ा जाएगा। इसके लिए 20 जुलाई 2022 को भारत और नामीबिया सरकार के बीच एग्रीमेंट किए गए थे।

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नर चीता को एक साथ रखा जाएगा। जबकि मादा चीता अलग-अलग बाड़े में रखी जाएगी। बड़े बाड़े में पहले नर चीता को उसके बाद मादा चीता को खुला छोड़ा जाएगा। भारत में चीता की पुन व्यवस्थापन तब मान्य किया जाएगा, जब भारत में चीतों की संख्या 500 हो जाएगी। इसके लिए साउथ अफ्रीका और नामीबिया से हर साल 8 से 12 चीते भारत भेजे जाएंगे।

इसके लिए सतपुरा टाइगर रिजर्व की वन्य प्राणियों की सुरक्षा में तैनात हाथी सिद्धनाथ और हथनी लक्ष्मी को कूनो राष्ट्रीय उद्यान पहुंचाया गया है। अफ्रीकी देश से आ रहे 8 चीतों की सुरक्षा की कमान अब सिद्धनाथ और लक्ष्मी के हाथ होगी। सिद्धनाथ और लक्ष्मी किसी भी वन्य प्राणी को काबू करने, गश्त करने और रेस्क्यू ऑपरेशन में महारत हासिल किए हुए हैं। सिद्धनाथ और लक्ष्मी चीतों की निगरानी करेंगे। बाड़े के अंदर और आसपास कोई अन्य वन्य प्राणी ना आए, इसके लिए यह दोनों लगातार गश्त भी करेंगे।

वही पर्यटक 3 महीने बाद जनवरी 2023 से चीतों को देख सकेंगे। 1 महीने तक चीतों को क्वारंटाइन रखा जाएगा। इसके बाद इन्हें बड़े बाड़े में छोड़ा जाएगा। इनके सामने शाकाहारी वन्य प्राणी छोड़े जाएंगे। अगले साल के पहले एक नर चीते को जंगल में खुला छोड़ा जाएगा। उसके बाद एक मादा चीते और अन्य चीतों को छोड़ने की प्रक्रिया शुरू होगी।


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