भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पिछले साल आई कोरोना महामारी (corona pandemic) ने दुनिया भर में उत्पात मचाया है। कितने ही संक्रमण की चपेट में आकर जिंदगी की जंग हार गए। पहली लहर के थमने के बाद देश सहित राज्य के कई हिस्से में कोरोना की दूसरी लहर ने भारी उत्पात मचाया है। अब ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) ने बड़ा फैसला लिया है। जहां कोरोना के कारण माता-पिता की मौत हो जाने के बाद ऐसे बच्चे को राज्य शासन की तरफ से 5000 रुपए देने की घोषणा की गई है। इतना ही नहीं इसके अलावा मध्य प्रदेश महिला बाल एवं विकास विभाग द्वारा उन बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना और फिट फैसिलिटी केंद्र भी खोले जाएंगे। इस मामले में विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है और तेजी से प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है।
दरअसल मध्य प्रदेश महिला बाल विकास विभाग ने व्हाट्सएप पर हेल्पलाइन नंबर जारी करते हुए ऐसे बच्चों को चिन्हित करने का कार्य शुरू कर दिया है। जिनके माता पिता की मौत कोरोना के कारण हो गई है। वही जानकारी की मानें तो अब तक 60 बच्चों के बारे में जानकारी सामने आई है। जिसके बाद उनके दस्तावेज सत्यापन के कार्य किए जा रहे हैं। इन्हें दस्तावेज सत्यापन के बाद उन्हें योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
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इस मामले में मध्य प्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक विशाल नाडकर्णी का कहना है कि अभी तक 60 बच्चों की जानकारी मिली है। जिनके दस्तावेज मंगवा कर आगे की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। वहीं ऐसे बच्चों को चिन्हित किया जा रहा है। जिन्हें स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ दिया जाएगा। हालांकि अभी तक पेंशन योजना संबंधी कोई आदेश सामने नहीं आए हैं। गाइडलाइन जारी करने के बाद इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया बढ़ाया जाएगा। वहीं सीडब्ल्यूसी के सदस्य कृपाशंकर चौबे का कहना है कि अनाथ बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना के तहत 2000 रुपए महिला और बाल विकास विभाग द्वारा पहले से ही उपलब्ध कराए जा रहे हैं। हालांकि पेंशन योजना के संबंध में गाइड लाइन जारी नहीं की गई है।
बता दे कोरोना काल में अपने माता पिता को कम आयु के बच्चों के दस्तावेज सत्यापन के लिए बच्चों के माता पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र के अलावा उनके आधार कार्ड बच्चे के आधार कार्ड सहित माता-पिता की गंभीर बीमारी से संबंधित दस्तावेज राज्य शासन को उपलब्ध कराने होंगे। इसके अलावा मध्य प्रदेश सरकार कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए फिट फैसिलिटी सेंटर खोलने की तैयारी में है। हर जिले में 2 फीट फैसिलिटी सेंटर खोले जाने की योजना तैयार की गई है। इसके लिए कार्य शुरू कर दिए गए हैं। वही ऐसे बच्चे जिनके पास रहने की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्हें फिलहाल हॉस्टलों में रखा जाएगा। वही फैसिलिटी सेंटर में कम से कम 200 बच्चों के रहने की व्यवस्था की जाएगी।
अनाथ बच्चों को पेंशन देने संबंधी योजनाओं के बारे में बोलते हुए बाल कल्याण समिति के अधिकारियों का कहना है कि दस्तावेज सत्यापन की जिम्मेदारी दी गई है लेकिन अभी शासन की तरफ से बच्चों को 5000 रुपए देने के संबंध में गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। आगे यदि राज्य शासन की तरफ से गाइडलाइन जारी की जाती है तो उसका पालन किया जाएगा।