China Politics : तीसरी ताजपोशी से पहले जिनपिंग के खिलाफ प्रदर्शन, तानाशाही के आरोप, हिरासत में 14 लाख लोग, बगावत को दबाने लॉकडाउन का सहारा

Kashish Trivedi
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बीजिंग, डेस्क रिपोर्ट। अंतरराष्ट्रीय राजनीति (international politics) में इन दिनों गहमा गहमी का माहौल है। एक तरफ जहां रूस और यूक्रेन युद्ध (russia-ukraine war) के बीच कई देशों की संलिप्तता से आए दिन नई संभावनाएं बनती नजर आ रही है। दूसरी तरफ चीन (China Politics) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (xi jimping) पर एक बार फिर से तानाशाही के आरोप लग रहे हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जल्दी तानाशाह की भूमिका में नजर आ सकते हैं। चीन में लगातार शी जिनपिंग की तीसरी बार ताजपोशी होने की उम्मीद बढ़ गई है।

इसी बीच बीजिंग में जिनपिंग के विरोध में बैनर लगाए गए हैं। बीजिंग के कई इलाके में प्रदर्शनकारियों द्वारा शी जिनपिंग को तानाशाह बताते हुए उनके नाम के पोस्टर लगाए गए हैं। जिनपिंग को तानाशाह बताते हुए जनता से उनके खिलाफ सड़कों पर उतरने की भी अपील की गई है। बैनर पर लिखा है कि सी जिनपिंग तानाशाह है, उनसे आजादी के लिए लोग सड़क पर उतरे। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा है कि वह सांस्कृतिक क्रांति नहीं सुधार चाहते हैं। इतना ही नहीं पोस्टर पर प्रदर्शनकारियों की मांग है कि उन्हें कोरोना टेस्ट नहीं बल्कि खाना चाहिए।

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सोशल मीडिया पर ऐसी ही तस्वीर वायरल हो रही है। जिसे बीजिंग के पास हैडियन का बताया जा रहा है। चीनी सरकार द्वारा कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक से पहले बीजिंग में विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा तेज कर दी गई है। साथ ही चीन की सुरक्षा एजेंसी द्वारा 14 लाख लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

एक तरफ जहां जिनपिंग अपनी तीसरी ताजपोशी की तैयारी कर रहे हैं। दूसरी तरफ उनके विरोध के उठ रहे स्वर को दबाने की भी पूरी और कोशिश जारी है। जून से ही विशेष अभियान शुरू कर असंतुष्ट को गिरफ्तार करने का सिलसिला शुरू हो गया है। अब तक 14 लाख से ज्यादा लोग अरेस्ट किए गए हैं।

दरअसल 5 साल बाद एक बार फिर से 17 अक्टूबर को चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक होने वाली है बंद कमरे में कार्यवाही के अंत के बाद राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तीसरी बार देश की कमान सौंपी जा सकती है। जिंपिंग माओत्सेतुंग के बाद पहले ऐसे व्यक्ति होंगे, जो अपना तीसरा कार्यकाल संभालेंगे।

वहीं दूसरी तरफ जिम्पिंग नई तैयारी कर रहे हैं। अपनी विरोध में उठ रहे आवाज को दबाने के लिए कोरोना लॉकडाउन का सहारा लिया जा रहा हैं। चीन के कई शहरों में लॉकडाउन के प्रतिबंध को जबरन लागू कर दिया गया है।

आ रही रिपोर्ट के मुताबिक जिनपिंग के खिलाफ विद्रोह को दबाने के लिए लॉकडाउन का सहारा लिया गया है। चीन के शक्सी प्रांत के फैनयांग शहर में लॉकडाउन लगाया गया है। मंगोलिया की राजधानी होहॉट में आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। चीन के कई शहरों में स्कूल और पर्यटन स्थल को भी बंद किया गया है।

वही हालात पर काबू पाने के लिए चीनी सरकार द्वारा बीजिंग को किले के रूप में परिवर्तित किया गया है। हजारों की संख्या में पुलिसकर्मी को बीजिंग बुलाया गया है। लोगों की कड़ी जांच की जा रही है। चीन की सुरक्षा एजेंसी जरा बीजिंग में रह रहे लोगों पर जासूसी का आरोप लगाते हुए 24 घंटे उन्हें संदिग्धों की तरह निगरानी में रखा जा रहा है।


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