दरअसल, MPPSC की प्रारंभिक परीक्षा के दूसरे पेपर में कश्मीर को लेकर विवादस्पद प्रश्न पूछा गया था कि क्या भारत को कश्मीर को पाकिस्तान को दे देने का निर्णय कर लेना चाहिए ?सवाल के जवाब में दो तर्क दिए गए थे। पहला हां, इससे भारत का बहुत सा धन बचेगा। दूसरा नहीं, ऐसे निर्णय से इसी तरह की और भी मांगे बढ़ जाएंगी।हालांकि ज्यादातर अभ्यर्थियों ने डी ऑप्शन पर टिक किया, जिसमें ए और बी दोनों को ही गैर बाजिव बताया गया था।
हैरानी की बात तो ये है कि प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न पत्र संख्या 48 में कश्मीर पर बयान और तर्क आधारित प्रश्न पूछकर छात्रों की राय मांगी गई है। कथन कि भारत को पाकिस्तान को कश्मीर देने का निर्णय लेना चाहिए? छात्रों को प्रश्नों के उत्तर देने के लिए तर्क भी दिए जाते हैं जिसके आधार पर उन्हें अपने उत्तर विकल्पों का चयन करना होता है।
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मध्य प्रदेश व्यापमं के एक चर्चित मामले के व्हिसल ब्लोअर ने भी ट्वीट कर लिखा है कि Mppsc के पेपर क्या भांग खाकर तैयार करते हैं।।पूछा गया है कि क्या भारत को कश्मीर को पाकिस्तान दे देने का निर्णय लेना चाहिए?पूर्व में भी लोक सेवा आयोग के प्रश्न में भील समाज को लेकर काफी अमर्यादित टिप्पड़ी की गई थी।
कश्मीर पर ये पूछा गया था सवाल
प्रश्न संख्या 48 में पूछा गया कि क्या भारत को कश्मीर पाकिस्तान को देने का फैसला करना चाहिए? और छात्रों को प्रश्न के साथ चुनने के लिए दो तर्क भी दिए।
- तर्क 1. हां, इससे भारत का धन बचेगा।
- तर्क 2. नहीं, इस तरह के निर्णय से समान मांगों में और वृद्धि होगी।
- उत्तर- ए- “तर्क 1” मजबूत है।
- बी- तर्क 2 मजबूत होता है।
- सी- तर्क 1 और तर्क 2 दोनों मजबूत हैं।
- डी- तर्क 1 और 2 दोनों ही मजबूत नहीं हैं।
Twitter पर यूजर्स का ऐसा रहा रिएक्शन