नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। देशभर में Corona के तीसरी लहर की आशंका के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल भारत की दवा नियामक ने आज Zydus Cadila की तीन खुराक वाली कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी है। अब इस DNA वैक्सीन का उपयोग 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों पर किया जा सकेगा। बता दे कि देश भर में उपयोग होने वाला अधिकृत यह छठा Vaccine होगा।
Zydus Cadila निर्मित DNA वैक्सीन ZyCoV-D को 12 साल और उससे अधिक उम्र के वयस्कों और बच्चों में आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है। मामले में कंपनी ने कहा कि उसकी सालाना ZyCoV-D की 100 मिलियन से 120 मिलियन खुराक बनाने की योजना है और उसने वैक्सीन का स्टॉक करना शुरू कर दिया है।
बता दें कि कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड के रूप में सूचीबद्ध जेनेरिक दवा निर्माता ने 1 जुलाई को ZyCoV-D के प्राधिकरण के लिए आवेदन किया था। इसके लिए राष्ट्रव्यापी 28,000 से अधिक स्वयंसेवकों पर प्रथम चरण के परीक्षण में 66.6 प्रतिशत की प्रभावकारिता को दर्शाया गया था। ZyCoV-D कोरोनावायरस के खिलाफ दुनिया का पहला प्लास्मिड DNA वैक्सीन है। यह वायरस से आनुवंशिक सामग्री के एक हिस्से का उपयोग करता है जो विशिष्ट प्रोटीन बनाने के लिए डीएनए या आरएनए के रूप में निर्देश देता है जिसे प्रतिरक्षा प्रणाली तीव्र होती है।
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वैक्सीन को मिशन COVID सुरक्षा के तहत DBT के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है। “मिशन COVID सुरक्षा’ के तहत भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के साथ साझेदारी में विकसित और BIRAC द्वारा कार्यान्वित, ZyCoV-D को प्रीक्लिनिकल स्टडीज, चरण I और चरण II के लिए राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन के माध्यम से COVID-19 रिसर्च कंसोर्टिया के तहत समर्थित किया गया है।
Zydus Group के अध्यक्ष, पंकज आर पटेल ने कहा हम बेहद खुश हैं कि ZyCoV के साथ Corona से लड़ने के लिए एक सुरक्षित, अच्छी तरह से सहन करने योग्य और प्रभावकारी वैक्सीन बनाने के हमारे प्रयास एक वास्तविकता बन गए हैं। इतने महत्वपूर्ण मोड़ पर और तमाम चुनौतियों के बावजूद दुनिया का पहला डीएनए वैक्सीन बनाना, भारतीय शोध वैज्ञानिकों और उनकी नवोन्मेष की भावना को श्रद्धांजलि है। मैं आत्म निर्भर भारत और भारतीय वैक्सीन मिशन Corona सुरक्षा के इस मिशन में उनके समर्थन के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं।