इससे पहले वित्त मंत्रालय द्वारा जारी अपने आदेश में कहा गया है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के ग्राहकों और कर्मचारियों की ब्याज दर उनके खाते में क्रेडिट की जा रही है। इसके लिए किसी ब्याज दर का कोई नुकसान नहीं हुआ है। वित्त वर्ष 2022 के लिए ब्याज दर जमा करने में देरी पिछले साल लागू किए गए एक सॉफ्टवेयर अपग्रेड के कारण हो रही है।
वित्त मंत्रालय ने अपने ताजा ट्वीट में कहा है कि किसी भी सब्सक्राइबर को ब्याज का कोई हानि नहीं हो रहा है। सभी इपीएफ ग्राहकों के खाते में जमा किया जा रहा है। हालांकि सॉफ्टवेयर अपडेट के मद्देनजर कई बार क्रेडिट किए गए ब्याज की राशि परिलक्षित नहीं होती है। सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2021 22 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि के ब्याज दर 8.1 फ़ीसदी तय की गई है।
4 दशक में सबसे कम इस ब्याज दर पर त्योहार से पहले कर्मचारियों और ग्राहकों के खाते में राशि देखी जा सकती है। इससे पहले 1977 में ब्याज दर 8% रिकॉर्ड किया गया था। ईपीएफओ के 7 करोड़ से अधिक कर्मचारी द्वारा ईपीएफओ के ब्याज दर के जल्द क्रेडिट होने की राह देखी जा रही है। बता दें कि इससे पहले 2020 में ब्याज दर 8.5% निर्धारित किया गया था।
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बता दे कि प्रोविडेंट फंड अकाउंट में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के कंट्रीब्यूशन देखने को मिलते हैं। इसमें बेसिक सैलरी के अलावा महंगाई भत्ते मिलाकर कुल 24% हिसार जमा किया जाता है। संगठन द्वारा पूरी जमा पर ब्याज नहीं दिया जाता है। भविष्य निधि संगठन सालाना आधार पर ब्याज का भुगतान करती है। हालांकि इसके लिए गणना हर महीने के आधार पर की जाती है।
इसके तहत वित्तीय वर्ष की अंतिम तारीख को अगर कोई निकासी हुई है तो उसे घटाकर 12 महीने के ब्याज निकाले जाते हैं। संगठन हमेशा खाते की ओपनिंग और क्लोजिंग बैलेंस की जानकारी लेने के बाद उसके मुताबिक मासिक रनिंग बैलेंस को उसमें जोड़ ब्याज की रकम/ 1200 से गुणा कर निकाला जाता है।
इसी घटना के तहत अगर आपके पीएफ खाते में 10 लाख रुपए तो कृपया तो ब्याज के रूप में आपको 81000 रूपए उपलब्ध कराए जाएंगे। सब्सक्राइबर के पीएफ खाते में 7 लाख रुपए हैं तो ब्याज के रूप में उन्हें 56700 रूपए प्राप्त होंगे जबकि 5 लाख रुपए रहने पर ब्याज के रूप में कर्मचारियों को 40500 रूपए का भुगतान किया जाएगा।