पटना, डेस्क रिपोर्ट। बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद एक बार फिर से युवाओं के साथ कर्मचारियों (Employees-Pensioners) के लिए भी मौके बढ़ते नजर आ रहे हैं। राजस्थान छत्तीसगढ़ और झारखंड में पुरानी पेंशन योजना (Old pension scheme) को लागू कर दिया गया है जबकि पश्चिम बंगाल में पहले से ही पुरानी पेंशन योजना लागू है। ऐसे में बिहार में भी सत्ता परिवर्तन के साथ पुरानी पेंशन को लेकर सरकार गंभीर हो गई है। इसमें राज्य सरकार के मंत्री का बड़ा बयान सामने आया है।
दरअसल शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने एक प्रेस वार्ता में कहा है कि राज्य सरकार पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर गंभीर है। इस पर विचार किया जाएगा। इससे प्रदेश के पेंशनर और कर्मचारी में एक बार फिर से पुरानी पेंशन योजना को लेकर उम्मीद बढ़ गई है।
हालांकि एनडीए के साथ सरकार में रहने के बाद नीतीश कुमार की सरकार ने बजट सत्र के दौरान इस पर अलग बयान बाजी की थी। इस दौरान बजट सत्र में बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा था कि सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन व्यवस्था लागू है। पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने का कोई भी प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन नहीं है। वही सरकार बदलने के साथ ही एक बार फिर से पुरानी पेंशन योजना को लेकर मांग शुरू हो गई है।
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साथ ही विपक्ष में बैठी सरकार जो पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रही थी तो अब इस पर उनके लिए जवाब देना बड़ा कदम होगा।इधर झारखंड में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग तेज हो गई है। इससे पहले हिमाचल प्रदेश में लगातार कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। जिस पर सीएम ने बड़ा बयान जारी करते हुए कहा था कि पुरानी पेंशन योजना पर विचार किया जा सकता है।
गौरतलब है कि देश में एक अप्रैल 2004 से पुरानी पेंशन योजना बंद हो गई है। पेंशन योजना को राष्ट्रीय पेंशन योजना में बदल दिया गया है। जिसके बाद लगातार देश के कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को लेकर बढ़ी मांग कर रहे हैं। वही पुरानी पेंशन योजना की मांग को देखते हुए कई राज्य सरकारों द्वारा गारंटी पेंशन योजना की तैयारी की जा रही जबकि केंद्र सरकार भी पेंशन प्रणाली में कुछ नई व्यवस्था करने की तैयारी में है। ऐसी स्थिति में बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद कर्मचारियों की नई मांग पर राज्य सरकार किस तरह की व्यवस्था करती है। वही शिक्षा मंत्री के इस बयान पर मुख्यमंत्री सहित अन्य की क्या राय है, यह देखना दिलचस्प होगा।