शिमला, डेस्क रिपोर्ट। देशभर में जहां कर्मचारी-पेंशनर्स (Employees-Pensioners) द्वारा पुरानी पेंशन योजना (Old Pension scheme) की मांग तेज हो गई है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर मुख्यमंत्री का बड़ा बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री (CM) के बयान के बाद यह तो स्पष्ट है कि केंद्र सरकार की सहमति के साथ ही प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जा सकता है। जिसके बाद प्रदेश में कर्मचारी पेंशनर्स (Employees-pensioners) द्वारा 13 August को एक बार फिर से बड़े आंदोलन को देखा जा सकता है।
इससे पहले कंडाघाट में प्रगतिशील हिमाचल कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि हिमाचल में पुरानी पेंशन योजना पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा बंद की गई थी। केंद्र के सहयोग के बिना पुरानी पेंशन योजना को लागू नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन केंद्र के सहयोग के बिना नहीं दी जा सकती। इसके लिए बीच का रास्ता ढूंढा जा रहा है।
इतना ही नहीं सीएम जयराम ठाकुर ने कांग्रेस नेताओं पर पुरानी पेंशन योजना के मुद्दे पर राज्य के कर्मचारियों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री ने हिमाचल में पुरानी पेंशन योजना पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा बंद की गई थी। वहीँ NPS लागू करने वाला पहला राज्य हिमाचल प्रदेश बना था। आज कांग्रेस वीरभद्र सिंह के पक्ष में वोट की मांग करिए लेकिन नई पेंशन योजना से उन्हें दिक्कत है। सवाल खड़े करते हुए CM ने कहा कि कांग्रेस 2012 में सत्ता में रही थी, तब उन्होंने योजना को लागू किया था।
मुख्यमंत्री जयराम सिंह ठाकुर के बयान के बाद यह तो स्पष्ट है कि प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना के लिए कर्मचारियों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि झारखंड में पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा बड़े ऐलान किए गए थे। अभी तक इस मामले में प्रक्रिया देखने को मिली है। माना जा रहा है कि 15 अगस्त को इस मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री घोषणा कर सकते हैं। जबकि हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने से पहले कई तरह की परेशानियां सामने आ रही है।
वही पुरानी पेंशन योजना के लिए अब 13 अगस्त को कर्मचारी राज्य विधानसभा का घेराव करने की तैयारी में है। इसमें एक से डेढ़ लाख लोगों के जुटने की संभावना जताई गई है। बता दें कि इससे पहले मानसून सत्र में सीएम ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया था। वहीं राज्य सरकार द्वारा कहा गया था कि नई पेंशन योजना में संशोधन का प्रस्ताव लाया जा सकता है। 2002 तक देश और प्रदेश के सभी सरकारी क्षेत्रों के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल रहा था लेकिन इसके बाद पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया गया था। अब नई पेंशन योजना में संशोधन की तैयारी की जा रही है।