राजनांदगांव, डेस्क रिपोर्ट। राजनांदगांव जिले की पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए गए सहारा इंडिया (SAHARA India) के चार डायरेक्टरों (Directors) को पुलिस (police) ने न्यायालय (Court) में पेश किया था। जिन्हें जेल भेज दिया गया था। जेल से उन्हें खराब स्वास्थ्य के आधार पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसे लेकर निवेशकों (investors) में भारी रोष है और उन्होंने CMHO को इस मामले को लेकर खरी-खोटी सुनाई।
सहारा इंडिया कंपनी के चार डायरेक्टरों को तीन दिन पहले छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले की पुलिस लखनऊ से उठा लाई थी। दरअसल राजनांदगांव जिले में हजारों निवेशकों का करोड़ों रुपया सहारा इंडिया की विभिन्न कोऑपरेटिव सोसायटीयो में निवेश है। जिसे परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद भी कंपनी वापस नहीं लौटा रही है। इस पर निवेशकों द्वारा कराई गई। FIR पर राजनादगांव के जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की और सहारा इंडिया के चार डायरेक्टरों को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। जिन्हें जेल भेज दिया गया।
जेल से इन चारों डायरेक्टरों लालजी वर्मा, प्रदीप कुमार, मोहम्मद खालिद और एसएम सहाय को खराब स्वास्थ्य के आधार पर अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बात की सूचना निवेशको को मिलते ही उन्होंने भारी विरोध शुरू कर दिया और सीएमएचओ का घेराव किया। निवेशको का कहना है कि एक साथ चारों डायरेक्टरों को बीमारी के आधार पर अस्पताल में भर्ती करने के पीछे साजिश नजर आ रही है और जिन लोगों की जगह जेल में है वह अस्पताल में भर्ती कैसे कराए गए।
इस पर सीएमएचओ ने ब्लड टेस्ट रिपोर्ट आने का हवाला दिया और कहा कि इसकी रिपोर्ट आने के बाद वे उचित कार्रवाई करेंगे। दरअसल भूपेश बघेल के नेतृत्व में चिटफंडियों के खिलाफ जो कार्रवाई करने का बीङा छत्तीसगढ़ की सरकार ने उठाया है। उसमें राजनांदगांव जिले की पुलिस और प्रशासन ने अभूतपूर्व कार्य किया है और अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए चारों डायरेक्टरों को गिरफ्तार कर कंपनी से 15 करोङ रू वापस कराने का शपथ पत्र भी दिया है।