मृतक का नाम शिव शंकर कोस्टा था। वह समोसा अलूबन्दा का ठेला लगाकर किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण करता था। बीते साल अतिक्रमण में शासन ने उसका मकान तोड़ दिया। बाद में उसे तिलहरी में जमीन भी दी गई। साथ ही ढाई लाख रु मकान बनाने को मिलना था पर उसे 1 लाख रु ही मिले। इतने कम पैसो में वह कैसे मकान बना पाता इसी को लेकर वह बीते कुछ दिनों से परेशान था।
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मृतक के दो बेटे दोनो ही पढ़े लिखे
जानकारी के मुताबिक समोसा-अलूबन्दा का ठेला लगाने वाले शिव शंकर कोस्टा के दो बेटे है और दोनो ही अच्छे पढ़े लिखे। एक बेटे ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और नोकरी की तलाश में भोपाल गया हुआ है। जबकि उसका एक बेटा जबलपुर में है जो कि प्राइवेट नोकरी कर रहा है। शिव शंकर चाह रहा था कि जल्द से जल्द उसका मकान बन जाए। जिसमे वह अपने परिवार के साथ रह सके। पर शासन की तरफ से उसे मकान बनाने के लिए रु नही मिल रहे थे। मकान के लिए उसके खाते में सिर्फ 1 लाख रु ही आए थे।
किराए से झोपड़ी बनाकर रह रहा था शिव शंकर
त्रिपुरी चौक में शिव शंकर का मकान था पर अतिक्रमण में उसका मकान आ रहा था। जिसे की प्रशासन ने तोड़ दिया। इसके एवज में उसे ढाई लाख रु मिलने थे पर उसके खाते में सिर्फ 1 लाख रु ही आए। इतने कम रु में सिर्फ लोहा और रेत ही आ रहा था। मकान कैसे बनता यह चिंता उसे काफी दिनों से सता भी रही थी। मजबूर होकर उसने आत्महत्या का रास्ता अपनाया।