भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) ने बड़ी तैयारी की है। इसके तहत महिला और बाल विकास विभाग (Department of Women and Child Development) द्वारा आहार सूची से अंडा और चिकन को हटा दिया गया है। बाल संरक्षण गृह में अंडा और चिकन खिलाए जाने को लेकर विवाद बढ़ गया था। जिसके बाद महिला और बाल विकास विभाग ने किशोर न्याय (बाल देखरेख और संरक्षण) नियम में संशोधन किया है।
हालांकि नियम के तहत बच्चे के बीमार होने, वजन बढ़ाने और अन्य स्वास्थ्य कारण पर डॉक्टर की सलाह के बाद ही अंडा और चिकन अतिरिक्त आहार के रूप में बच्चों को उपलब्ध कराए जा सकेंगे। अगस्त 2022 को राजपत्र जारी कर प्रदेश के बाल संरक्षण गृह में पोषण आहार मानक निर्धारित कर दिए गए थे। पोषण आहार मानक के तहत सप्ताह में एक बार बच्चों को चिकन अथवा खाने की आदत के अनुसार सप्ताह में चार अंडे दिया जाना सुनिश्चित किया गया था।
इसके अलावा आहार सूची में कई अन्य परिवर्तन भी किए गए हैं। गुड़ और मूंगफली या पनीर प्रत्येक छात्रों को सप्ताह में एक बार देना अनिवार्य किया गया है। इस सूची में शाकाहारी शब्द हटाया गया है। इसके अलावा गैर शाकाहारी दिवस पर शाकाहारी बालकों को 60 ग्राम गुड़ और 60 ग्राम मूंगफली सहित 100 ग्राम पनीर देने का प्रावधान था। इसमें भी आंशिक संशोधन करते हुए विभाग द्वारा गैर शाकाहारी दिवस शब्द को हटाया गया है।
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इसके अलावा नए संशोधन के तहत किशोर बालिकाओं में आयरन की कमी का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। साथ ही आहार योजना और दवाओं को आहार विशेषज्ञ नियुक्ति डॉक्टर द्वारा निर्धारित कर छात्राओं को यह उपलब्ध कराया जाना है।
बाल संरक्षण के बालकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसमें व्यावसायिक चिकित्सा कौशल और अभिरुचि आधारित प्रशिक्षण दिए जाएंगे। साथ ही बच्चों के मनोरंजन के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे। इनडोर आउटडोर गेम, योग, ध्यान साधना, संगीत और टेलीविजन आदि की व्यवस्था की जाएगी।
इसके अलावा बालकों को अवकाश, त्योहार सहित राष्ट्रीय उत्सव समारोह और बाल संरक्षण गृह द्वारा अधिसूचित अवसरों पर विशेष भोजन कराए जाएंगे। बीमार वालों बच्चों को और शिशुओं के लिए आहार अपेक्षा पर डॉक्टर की सलाह से विशेष आहार तैयार किए जाएंगे।