भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) में राजस्व निरीक्षकों (revenue inspectors) के पदोन्नति (promotion) पर जल्द बड़ा फैसला हो सकता है। दरअसल निरीक्षक द्वारा भी पदोन्नति की मांग तेज कर दी गई है। मध्यप्रदेश में पदोन्नति (MP Employees Promotion) देने के लिए सरकार द्वारा बीच का रास्ता निकाला गया है। इसके तहत पुलिस विभाग (Police department) में अधिकारी कर्मचारियों की पदोन्नति की गई है। वहीं जल्द वन विभाग (Forest department) में अधिकारी कर्मचारियों को पदोन्नत किए जाने पर विचार किया जा रहा है।
इसी बीच राजस्व निरीक्षकों द्वारा भी इसके लिए मोर्चा खोल दिया गया है। इसको लेकर राजस्व निरीक्षक द्वारा मंत्री और विधायकों को ज्ञापन सौंपने का कार्य किया गया था। वही संबंध में राजस्व निरीक्षक ने विधायक ने लड़का को भी ज्ञापन सौंपा था। जिसमें कर्मचारियों द्वारा प्रदेश में खाली पदों पर पदोन्नति की मांग की गई थी। कांग्रेस विधायक निलय डागा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज को पत्र लिखते हुए कांग्रेसी विधायक ने कहा कि राजस्व निरीक्षकों को भी खाली पड़े पदों पर पदोन्नत किया जाए। इसके साथ उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में राजस्व निरीक्षक के कुल 2169 पद स्वीकृत है। इसके साथ ही अपने लिखे पत्र में डागा ने कहा कि 1995-96 से आज तक पदोन्नति नहीं होने की वजह से 27 वर्ष से कई कर्मचारी एक ही पद पर कार्यरत हैं।
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पत्र में राजस्व निरीक्षकों के पदोन्नति की मांग करते हुए कहा गया कि कमिश्नर लैंड रिकॉर्ड और प्रमुख राजस्व आयुक्त के प्रस्तावित विलय होने की वजह से राजस्व निरीक्षक संवर्ग को भारी नुकसान उठाना पड़ा। जिसने राजस्व निरीक्षक के हितों को सीधा प्रभावित किया जा रहा है। राजस्व निरीक्षक में भी हताशा देखने को मिल रही है। 2016 से मामला कोर्ट में लंबित होने की वजह से कई राजस्व निरीक्षक अपने मूल पद पर ही सेवानिवृत्त हो गए हैं।
ऐसी स्थिति में पुलिस विभाग की तर्ज पर राजस्व निरीक्षकों को भी पदोन्नति की मांग कांग्रेस विधायक द्वारा की गई है। बता दे इसके लिए सरकार के नए नियम के तहत 25% पदों पर ही राजस्व निरीक्षकों को पदोन्नत किया जाएगा। जबकि 75 फीसद पदों पर सीधी भर्ती आयोजित की जाएगी। जिसका राजस्व निरीक्षकों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है।
इस मामले में राजस्व निरीक्षक का कहना है कि सरकार के नए नियम में पदोन्नति को लेकर बहुत बड़ी त्रुटि देखने को मिल रही है। इसमें सबसे बड़ा पेंच है कि ऐसे कर्मचारी जो 35 साल की सेवा पूरी कर चुके। उन्हें ही पदोन्नति के लिए पात्र माना जाएगा जबकि ऐसे कई राजस्व निरीक्षक है, जिन्होंने 25 साल से ज्यादा अपनी सेवा पूरी की है और अब सेवानिवृत्ति की कगार पर हैं। वहीं नए नियम के तहत ऐसे कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ नहीं दिया जा सकेगा।
मामले में राजस्व निरीक्षक संघ के अध्यक्ष शंकर सिंह रघुवंशी का कहना है कि नए प्रावधान में राजस्व निरीक्षक के पदोन्नति के लिए उपलब्ध पदों से उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। सरकार द्वारा 25 फीसद पदों पर पदोन्नति और 75% पदों पर सीधी भर्ती का कर्मचारी संघ विरोध कर रहे हैं। उनकी मांग है कि 75 फीसद पदों पर पुरानी कर्मचारियों की पदोन्नति की जाए। जबकि 25 पदों पर सीधी भर्ती आयोजित की जाए।