भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP Flood) के ग्वालियर-चम्बल संभाग (Gwalior-Chambal Division Flood) में भारी बारिश के चलते (heavy rain) आई बाढ़ ने जन जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। दोनों संभागों से निकलने वाली, चम्बल, पार्वती, सिंध सही अन्य सभी नदियां उफान पर हैं। बांधों से छोड़े जा रह पानी ने नदियों का जलस्तर और बढ़ा दिया है और स्थिति गंभीर हो चली है, सेना बुलाई गई है ।अति वृष्टि और बाढ़ से प्रदेश के शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर, भिंड और रीवा में लगभग 1171 गाँव प्रभावित हुए हैं। कुल 200 गाँव घिरे हुए हैं। SDRF-NDRF की टीम ने करीब 2000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
MP Weather Alert: मप्र में बाढ़ के हालात, 22 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी, अलर्ट जारी
हालातों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (MP Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) बताया कि मैं और हमारे मंत्री लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। सेना बुला ली गई है। एयर फोर्स के पाँच हेलीकॉप्टरों ने ग्वालियर से मंगलवार सुबह उड़ान भरी थी। वे 8 माइल तक गए पर खराब मौसम होने के कारण रेस्क्यू के लिए उतर नहीं सके। वही प्रभावित गाँवों के लोगों से अपील करते हुए कहा है कि वह सतर्क रहें। हम आपकी चिंता कर रहे हैं। राहत शिविर और भोजन की व्यवस्था करने के निर्देश दे दिये गये हैं। अफवाहों पर ध्यान न दें। सभी बांध सुरक्षित हैं, आत्म-विश्वास रखें। सरकार (mp government) हर संभव प्रयास कर रही है। प्रभावित क्षेत्रों के लोग हौसला बनाए रखें। मौसम में सुधार होते ही हेलीकॉप्टर फिर राहत और बचाव के काम के लिए रवाना होंगे। विशेष रूप से शिवपुरी और श्योपुर में 22 गाँव घिरे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बताया कि सोमवार को 11 लोगों को एयर फोर्स ने निकाला। एसडीईआरएफ की 70 टीमें और 3 एनडीईआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हैं। केंद्र शासन से और टीमें भेजने का अनुरोध किया गया है।अति वृष्टि और बाढ़ के कारण विकट स्थिति बनी है। शिवपुरी और श्योपुर में दो दिन में 800 मिली मीटर वर्षा हुई। इस अप्रत्याशित बरसात के कारण बाढ़ की स्थिति बनी है। ऐसा लगा जैसे बादल फट गए। पानी के बहाव के कारण बोट नहीं जा पा रही है। शिवपुरी के बीछी गाँव में तीन लोग पेड़ पर अटके थे, जिन्हें सुरक्षित निकाला गया हैं। दूर-दूर तक गाँव खाली हैं। एक पुजारी मंदिर की छत पर घिरे हैं। उनकी चिंता कर रहे हैं। भोजन और राहत के प्रबंध कर रहे हैं। ढाँढस बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
यह भी पढ़े… Bhind News: बांधों से छोड़ा जाएगा पानी! चंबल-सिंध नदी किनारे गांवों में अलर्ट जारी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि एयर फोर्स के सहरावत से चर्चा हुई है।प्रभावित जिलों क्रमश: शिवपुरी, दतिया, ग्वालियर, अशोकनगर के कलेक्टर संपर्क में हैं। मड़ीखेड़ा डेम में पानी अधिक होने के कारण पानी छोड़ा गया था। डेम से पहले 12 हजार 500 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था, अब 10 हजार 500 क्यूसेक कर दिया गया है। डेम से पानी छोड़ने से प्रभावित होने वाले गाँव के लोगों को सतर्क कर दिया गया है। बारिश का प्रभाव भी कम हुआ है। अब जल्द ही स्थिति सुधरेगी। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra), जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया तथा शिवपुरी के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया शिवपुरी कंट्रोल रूम से राहत और बचाव कार्यों का समन्वय कर रहे हैं।
बारिश ने रोकी ट्रेन, पुल टूटा
ग्वालियर जिले के मोहना और शिवपुरी के बीच रेलवे ट्रैक पर अत्यधिक बरसात का पानी आने के चलते सोमवार को ग्वालियर से चलकर इंदौर जाने वाली इंटरसिटी (01126) मंगलवार सुबह तक मोहना और शिवपुरी के बीच फंसी रही, सुबह ट्रैन को टर्मिनेट कर दिया गया। वहीं, मंगलवार 03 अगस्त को रतलाम-ग्वालियर इंटरसिटी (02125) को निरस्त कर दिया गया है। बुधवार को ट्रेन ग्वालियर नहीं आएगी। मंगलवार को इंदौर, उज्जैन, व्यावरा, गुना, शिवपुरी के रास्ते ग्वालियर आने वाली इंटरसिटी को गुना से डायवर्ट कर ललितपुर, झांसी के रास्ते ग्वालियर लाया गया। वहीं, ग्वालियर से भोपाल जाने वाली इंटरसिटी को शिवपुरी से भोपाल के बीच चलाया गया। ट्रेन ग्वालियर से शिवपुरी के बीच निरस्त कर दी गई है।सिंध नदी पर बना ग्वालियर दतिया को जोड़ने वाला लांच पुल टूट गया है ये लांच और इंदरगढ के रास्ते में बना था।
सीएम ने स्थितियों से अवगत कराया, पीएम ने फोन कर जाना हाल
मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) को फोन कर प्रदेश में बाढ़ की स्थितियों से अवगत करवाया तो वही देर रात प्रधानमंत्री ने पुनः बाढ़ की स्थितियों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि अब तक 2000 से अधिक लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। सेना, एसडीआरएफ और एनडीआरफ का रेस्क्यू ऑपरेशन रात भर जारी रहेगा। एयर फोर्स द्वारा सुबह रेस्क्यू शुरू किया जाएगा। वे अभी रात में स्टेट सिचुएशन रूम से बाढ़ की स्थिति का जायजा लेंगे। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में जिला प्रशासन को पूरी तरह एलर्ट पर रखा गया है।केंद्र सरकार और सेना द्वारा लोगों को सुरक्षित निकालने के लिये हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार मध्यप्रदेश सरकार के साथ है, प्रदेश की जनता के साथ है और प्रदेश को हरसंभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी।
70 से ज्यादा टीमें कर रही है रेस्क्यू
राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि मौसम (MP WEATHER) में थोड़ा सुधार होते ही सेना के हेलीकॉप्टर फिर राहत और बचाव के काम के लिए रवाना होंगे। शिवपुरी और श्योपुर में 22 गाँव फिलहाल बाढ़ से घिरे हैं। एसडीईआरएफ की 70 टीमें और 3 एनडीईआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हैं। केंद्र शासन से और टीमें भेजने का अनुरोध किया गया है। अब तक प्रदेश के शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर, भिंड और रीवा में लगभग 1171 ग्राम प्रभावित हुए हैं, जबकि इस मानसून (monsoon 2021) सीजन में अब तक कुल 11 लोगों की मौत हुई है। वहीं इस मानसून सीजन में अब तक बिजली गिरने से 58 लोगों की जानें गई हैं, जबकि 24 लोग हताहत हुए हैं अब तक कुल 174 पशुधन की हानि हुई है। जबकि इस मानसून सीजन में 32 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, वहीं आंशिक रूप से 840 मकानों को नुकसान हुआ है। सरकार क्षति का आकलन कर हर सम्भव मदद कर रही है।
गृह मंत्री का दतिया दौरा, PWD ने दिए पुलों की जांच के निर्देश
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा दतिया जिले में बाढ़ग्रस्त गाँवों का दौरा करेंगे। डॉ. मिश्रा बुधवार 4 अगस्त को प्रात: 10 बजे ग्राम औरिना, 10.30 बजे हनोतिया, 11 बजे बड़ौनकलां और 11.30 बजे कोटरा में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का कार से दौरा करेंगे। डॉ. मिश्रा दौरे के पश्चात दोपहर 12.10 बजे दतिया से भोपाल के लिये छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से प्रस्थान करेंगे। वे सायंकाल 6 बजे भोपाल पहुँचेंगे। लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने दतिया जिले में हुई अतिवृष्टि के कारण रतनगढ़ बसई मलिक मार्ग में सिंध नदी पर बने पुल तथा इंदरगढ़ पिछोर मार्ग पर निर्मित पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने पर जाँच के निर्देश दिये हैं। इसके लिये अधीक्षण यंत्री सेतु मण्डल एमपी सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। समिति जाँच कर सात दिवस में अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी।