भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में समर्थन मूल्य (support price) पर अनाज की खरीदी शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम (Madhya Pradesh Food and Civil Supplies Corporation) द्वारा गेहूं चना, मसूर और सरसों की खरीदी के लिए 34 हजार करोड़ का लोन लेने की योजना बनाई गई है। इसके लिए प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा गया है। राज्य शासन बैंक से लोन दिलाने में सरकार जमानत ले सके। इस पर प्रस्ताव तैयार किया गया है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में अभी वर्तमान में डेढ़ सौ लाख मैट्रिक टन अनाज का भंडारण है। यह 3 वर्षों से गोदामों में पड़ा हुआ। गोदामों में रखे अनाज भंडारण की वजह से गोदामों का किराया भी 5 महीने की जगह 12 महीने तक देने पड़े हैं। जिससे निगम की माली हालत खराब हो रही है। हालांकि निगम द्वारा इस संबंध में सरकार को कई बार पत्र लिखे जा चुके हैं लेकिन न राशि की प्रतिपूर्ति की जा रही है। ना ही अनाज का उठाव किया जा रहा है।
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बता दें कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के ऊपर पहले से ही ₹52000 करोड़ रुपए का लोन है। जिसके लिए निगम को हर महीने करीब 9 करोड़ रुपए का ब्याज चुकाना पड़ रहा है। हर साल खरीदी के लिए निगम बैंक से लोन लेते हैं लेकिन इसे बैंक को वापस नहीं कर पाते जिसके कारण से प्रतिवर्ष निगम कर्ज के बोझ में दब रहा है।
वही गोदामों में समय पर भी हूं उठाओ नहीं होने की वजह से निगम को केंद्र और राज्य से राशि नहीं मिल पाती है। जिसके कारण निगम को गोदामों के रस्सी प्रतिपूर्ति कभी बोझ झेलना पड़ता है वहीं पिछले 15 वर्षों के इतिहास में कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि गोदाम में पूरी तरह से गेहूं का उठाव कर लिया गया हो। जिससे कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है।