जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी (MP Employees) लंबे समय से प्रमोशन (Promotion) की राह देख रहे हैं पदोन्नति को लेकर कई बार बैठकें भी आयोजित की जा चुकी है। कुछ विभागों में कर्मचारियों को पदोन्नति देने के लिए बीच का रास्ता निकाला गया है। इसी बीच मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (MP High court) के मुख्य पीठ के रजिस्ट्रार द्वारा कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए परिपत्र जारी किया गया।
दरअसल एमपी हाई कोर्ट मुख्य पीठ के रजिस्ट्रार प्रशासन विकास चंद्र मिश्रा द्वारा कर्मचारियों के पदोन्नति के जारी परिपत्र में कहा गया है के उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश मुख्य पीठ जबलपुर खंडपीठ, इंदौर और ग्वालियर की स्थापना पर असिस्टेंट रजिस्ट्रार सहित ऑफिसर, ट्रांसलेटर कैडर, सीनियर जुडिशियल, टेक्निकल असिस्टेंट, असिस्टेंट लाइब्रेरी, वाहन चालक, असिस्टेंट, जूनियर असिस्टेंट, कोर्ट अटेंडेंट और आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले नवगठित सेवा के सदस्य के प्रमोशन पर विचार किया जा रहा है प्रमोशन होने पर उन्हें जबलपुर इंदौर और ग्वालियर खंडपीठ में पदस्थापना दी जा सकेगी।
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इस संबंध में प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू हो रही है यदि कर्मचारी प्रमोशन नहीं चाहते हैं तो उन्हें क्या करना होगा, इस पर भी विस्तृत जानकारी प्रेषित की गई है। सभी अधिकारी कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि जो भी अधिकारी कर्मचारी पदोन्नति नहीं चाहते हैं। वह कर्मचारी इसके लिए 20 जुलाई तक अभ्यावेदन अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रार जनरल के पास उपलब्ध करवाएं। बाद में किसी भी तरह के आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।
इसके साथ ही मध्य प्रदेश वित्त विभाग, मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ.11/1/2008/ के नियम 4 और 24 जनवरी 2008 की कंडिका 13 के मुताबिक पदोन्नति का त्याग करने वाले अधिकारी कर्मचारी किसी भी तरह से समय मान वेतनमान का लाभ पाने के अधिकारी नहीं रहेंगे।