एमपी में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 23 जनवरी तक, गेहूँ उपार्जन के लिए पंजीयन 31 मार्च तक, जानें रेट नियम और डिटेल्स

किसानों के आधार लिंक्ड बैंक खातों में अभी तक 7855 करोड़ 98 लाख रूपये की राशि अंतरित कर दी गई है। खरीदी गई धान में से 38 लाख 18 हजार 332 मीट्रिक टन उपार्जित धान का परिवहन किया जा चुका है।

Pooja Khodani
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MP Paddy procurement 2025 : मध्य प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए एमएसपी पर धान का उपार्जन जारी है । न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अभी तक 6 लाख 61 हजार 777 किसानों से 42 लाख 95 हजार 161 मीट्रिक टन धान की खरीदी उपार्जन केन्द्रों में हो चुकी है। धान का उपार्जन 23 जनवरी 2025 तक किया जायेगा।उपार्जन प्रत्येक सप्ताह के सोमवार से शुक्रवार तक होगा।इस बार धान कॉमन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रूपये और धान ग्रेड-ए का 2320 रूपये है।

किसानों की एफएक्यू गुणवत्ता की उपज इन्हीं दरों पर उपार्जित की जायेगी।समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के बाद भुगतान, कृषक पंजीयन के दौरान आधार नम्बर से लिंक बैंक खाते में किया जायेगा।किसानों के आधार लिंक्ड बैंक खातों में अभी तक 7855 करोड़ 98 लाख रूपये की राशि अंतरित कर दी गई है। खरीदी गई धान में से 38 लाख 18 हजार 332 मीट्रिक टन उपार्जित धान का परिवहन किया जा चुका है। कुल 11 लाख 79 हजार 448 मीट्रिक टन धान मिलर्स को भेजी जा चुकी है।

Madhya Pradesh: अबतक किस जिले में कितनी हुई खरीदी

  • प्रदेश के बालाघाट में 5 लाख 47 हजार 336, कटनी 4 लाख 10 हजार 746, सतना 3 लाख 99 हजार 01, जबलपुर 3 लाख 76 हजार 76, रीवा 3 लाख 47 हजार 486, सिवनी 2 लाख 98 हजार 792, मण्डला 2 लाख 942।
  • शहडोल 1 लाख 96 हजार 737, पन्ना 1 लाख 70 हजार 543, मैहर 1 लाख 68 हजार 200, नर्मदापुरम 1 लाख 65 हजार 152, सिंगरौली 1 लाख 44 हजार 30, उमरिया 1 लाख 28 हजार 750, सीधी 1 लाख 26 हजार 950।
  • मऊगंज 97 हजार 491, अनूपपुर 97 हजार 420, दमोह 82 हजार 875, नरसिंहपुर 76 हजार 458, डिंडोरी 76 हजार 348, रायसेन 58 हजार 25, बैतूल 46 हजार 805, सीहोर 40 हजार 715, सागर 18 हजार 777।
  • छिन्दवाड़ा 12 हजार 690, भिंड 2 हजार 396, विदिशा 1502, हरदा 1361, शिवपुरी 1246, मुरैना 237, अलीराजपुर 56 और झाबुआ जिले में 18 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है।

समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन हेतु पंजीयन 31 मार्च तक

  • रबी विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन के लिये किसान 31 मार्च तक पंजीयन करा सकते हैं।
  • किसान स्वयं के मोबाईल से एमपी किसान एप के माध्यम से घर बैठे पंजीयन कर सकेंगे। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 के लिये गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2425 रुपये घोषित किया गया है।
  • पंजीयन की निःशुल्क व्यवस्था ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र पर, तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र पर सहकारी समितियों एवं सहकारी विपणन संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र और एम.पी. किसान एप पर भी की गई है।
  • किसान पंजीयन के लिए भूमि संबंधी दस्तावेज़ एवं किसान के आधार कार्ड एवं अन्य फोटो पहचान पत्रों का समुचित परीक्षण कर उनका रिकार्ड रखा जाना अनिवार्य होगा।
  • किसान के आधार लिंक बैंक खाते में भुगतान करने में किसी कारण से समस्या उत्पन्न होने पर किसान ‌द्वारा पंजीयन में उपलब्ध कराये गए बैंक खाते में भुगतान किया जा सकेगा।
  • किसान पंजीयन के समय किसान को बैंक खाता नंबर और IFSC कोड की जानकारी उपलब्ध करानी होगी। अक्रियाशील बैंक खाते, संयुक्त बैंक खाते एवं फिनो, एयरटेल, पेटीएम, बैंक खाते पंजीयन में मान्य नहीं होंगे।
  • पंजीयन व्यवस्था में बेहतर सेवा प्राप्त करने के लिए यह जरूरी होगा कि किसान अपने आधार नंबर से बैंक खाता और मोबाईल नंबर को लिंक कराकर उसे अपडेट रखें।
  • आधार नंबर से बैंक खाता लिंक कराने के लिए बैंकों के साथ भी समन्वय आवश्यक होगा। किसान के आधार लिंक बैंक खाते के सत्यापन हेतु पंजीयन के दौरान ही 1 रूपये का ट्रांजेक्शन मध्यप्रदेश राज्य आपूर्ति निगम द्वारा ई-उपार्जन/JIT पोर्टल के माध्यम से कराया जाएगा।
  • पंजीयन कराने और फसल बेचने के लिए आधार नंबर का वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। वेरीफिकेशन आधार नंबर से लिंक मोबाईल नंबर पर प्राप्त OTP से या बायोमेट्रिक डिवाईस से किया जा सकेगा।
  • किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा जबकि किसान के भू-अभिलेख के खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। भू-अभिलेख और आधार कार्ड में दर्ज नाम में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा। सत्यापन होने की स्थिति में ही उक्त पंजीयन मान्य होगा।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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