भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कमलनाथ (kamalnath) को लेकर मध्य प्रदेश (MP) सहित नई दिल्ली तक इंटरनल पॉलिटिक्स (internal politics) बढ़ती नजर आ रही है। एक तरफ जहां कमलनाथ प्रदेश की राजनीति (MP Politics) से दूर नहीं रहना चाहते हैं। वहीं दूसरी तरफ से शीर्ष नेतृत्व का कहना है कि Kamalnath जल्द से जल्द नेशनल पॉलिटिक्स (national politics) में अपनी भूमिका सुनिश्चित करें।
चर्चाओं की माने नेशनल पॉलिटिक्स में भूमिका बढ़ाने का दावा बढ़ने के बाद अब Kamalnath ने नई भूमिका की पेशकश की है। दरअसल चर्चा है कि Kamalnath नेशनल पॉलिटिक्स (national politics) के साथ मध्य प्रदेश की राजनीति में भी बने रहे। इसके लिए उन्होंने राज्यों के दलों के साथ समन्वय की जिम्मेदारी लेने की पेशकश की है।
बताया जा रहा है कि कई राज्यों में चुनाव होने हैं। इससे पहले कई हिंदी राज्य में कांग्रेस की स्थिति बेहद कमजोर है और वहां के लोकल दल के साथ कांग्रेस के समन्वय भी अच्छे नहीं हैं। जिसके बाद अब कमलनाथ ने इन हिंदी राज्य मैं दलों के साथ समन्वय की जिम्मेदारी लेने की पेशकश की है।
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ज्ञात हो कि कमलनाथ से एक तरफ जहां राजनीतिक अनुभव के साथ परिपूर्ण है। वहीं दूसरी तरफ उन्हें नेशनल पॉलिटिक्स के साथ-साथ अन्य दलों से बेहतर संबंध निर्माता के रूप में देखा जाता है। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस से कई राज्य में अन्य लोकल दलों के साथ अच्छी तालमेल स्थापित कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश में यदि कांग्रेस सपा बसपा के साथ अपने गठबंधन को मजबूत करने की स्थिति में पहुंच जाती है तो यूपी के चुनाव में यूपीए एनडीए से आगे निकल सकता है। हालांकि कमलनाथ की इस पेशकश पर कांग्रेस दिग्गज सहित शीर्ष नेतृत्व क्या फैसला लेता है। यह देखना दिलचस्प होगा।