भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ जहां मध्य प्रदेश सरकार सरकारी स्कूल की व्यवस्था (MP School) को सुदृढ़ करने के साथ ही कुपोषण (malnutrition) से लड़ने की तैयारी में बच्चों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध करा रही और विद्यार्थियों के लिए पूरी तरह से गंभीर है। वहीं दूसरी तरफ Mid-Day-Meal मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में भारी गड़बड़ी देखने को मिली है। दरअसल अब तक बच्चों के स्कूलों में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के तहत उन्हें खाद्यान्न उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। विभाग (Department) की लापरवाही सामने आने के बाद विद्यार्थियों तक इस सेवा का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है।
मध्यान्ह भोजन के लिए मार्च का खाद्यान्न अभी तक उचित मूल्य की दुकान पर नहीं पहुंचने के बाद अब राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के इस लापरवाही पर विभाग ने आपत्ति उठाई है। दरअसल पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग (Panchayat and Rural Development Department) में इस पर आपत्ति जताते हुए निगम के प्रबंध संचालक को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया कि राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को कुल 12067 टन खाद्यान्न उचित मूल्य की राशन दुकानों पर पहुंचाने थे लेकिन सिर्फ 1025 पहुंचाए गए हैं।
वहीं प्रधानमंत्री पोषण सबसे निर्माण के राज्य समन्वयक आलोक कुमार सिंह ने निगम को लिखे अपने पत्र में खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। विभाग का कहना है कि मार्च महीना पूरा बीतने के बाद आधे महीने अप्रैल 20 जनवरी अभी तक स्कूल के बच्चों को मार्च महीने के खाद्यान्न उपलब्ध नहीं कराए गए हैं जो कि बेहद लापरवाही भरा कदम है।
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इतना ही नहीं प्रधानमंत्री पोषण सत्य निर्माण के राज्य समन्वयक आलोक कुमार सिंह ने प्रबंध संचालक को मार्च महीने की खाद्यान्न उठाव को लेकर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत पोषण के खाद्यान्न का वितरण बायोमेट्रिक आधार पर कराया जा रहा है। मार्च का महीना समाप्त हो गया है। बावजूद इसके अभी तक उचित मूल्य की दुकानों पर राशन नहीं पहुंचे हैं। जानकारी के मुताबिक 52 जिले में कुल 109519 शासकीय विद्यालय संचालित हैं। जिनमें किसी भी विद्यालय में अब तक मार्च महीने के खाद्यान्न उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। स्व सहायता समूह के सामने बच्चों को भोजन देने की समस्या खड़ी हो गई है।
हालांकि इससे पहले corona era के दौरान स्कूल बंद होने की वजह से मध्यान भोजन की व्यवस्था को बंद कर दिया गया था। जिसके बाद छात्रों को सीधे खाद्यान्न पहुंचाए जा रहे थे। हालांकि स्कूल खुलने के बाद मध्यान भोजन की व्यवस्था फिर से शुरू कर दी गई है। वहीं राज्य परिषद द्वारा कुल 12 हजार 67 टर्न खाद्यान्न का आवंटन किया गया है लेकिन सिर्फ 1025 टन गेहूं ही दुकानों तक पहुंचाए गए हैं। जबकि खाद्यान्न उचित मूल्य की दुकानों पर पहुंचेगी और वहीं से स्कूलों को उपलब्ध कराई जाएगी।
इससे पहले सीएम शिवराज ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा था कि कक्षा 1 से 8वीं तक के हर छात्रों को मूंग की दाल बाटी जाएगी। प्रत्येक छात्रों को 10 से 15 किलो मूंग की दाल मिलेगी। वहीं यह वितरण 15 अप्रैल से शुरू होगा। सीएम शिवराज जरा यह घोषणा कटनी जिले में की गई थी। जिसके बाद एक से लेकर कक्षा 5 के छात्रों को 10 किलो जबकि छठवीं से आठवीं तक के हर छात्रों को 15 किलोग्राम मूंग दाल उपलब्ध कराई जाएगी।