MP Breaking News
Mon, Dec 22, 2025

राज्य शासन की बड़ी तैयारी, केंद्र को भेजा जाएगा प्रस्ताव, छात्रों को मिलेगा लाभ, RTE के दायरे में आएंगे यह स्कूल

Written by:Kashish Trivedi
Published:
Last Updated:
राज्य शासन की बड़ी तैयारी, केंद्र को भेजा जाएगा प्रस्ताव, छात्रों को मिलेगा लाभ, RTE के दायरे में आएंगे यह स्कूल

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश सरकार (MP Government ) अब एक नई तैयारी में है। जिससे छात्रों को बड़ा लाभ होगा। दरअसल प्रदेश में 700 से अधिक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड स्कूल (CBSE MP School) ने अल्पसंख्यक संस्थानों के नाम पर आरटीई (RTE) से छूट पाई हुई है। अब सरकार इसे भी आरटीई के दायरे में लाने की तैयारी में है। ऐसा होने की स्थिति में अधिकांश छात्र आरटीई के जरिए इन संस्थानों में प्रवेश की पात्रता रखने लगेंगे।

इन स्कूलों में संचालक मंडल द्वारा द्वारा अल्पसंख्यक सदस्यों को शामिल कर छूट प्राप्त की जाती है जबकि ऐसे स्कूल में पढ़ने वाले अधिकांश छात्र बहुसंख्यक होते हैं। वही छूट का लाभ उठाकर यह स्कूल कमजोर वर्ग के बच्चों को 25% सीट निशुल्क उपलब्ध कराने के बंधन से मुक्त हो जाते हैं। जिस पर अब सरकार अंकुश लगाने की तैयारी में है। इसके लिए इन स्कूलों को आरटीआई के दायरे में लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा नियम में संशोधन किया जा रहा है। जिसके लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजने की तैयारी की जा रही है। यह जानकारी राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने दी है।

Read More :  कर्मचारियों को जल्द मिलेगा रक्षाबंधन गिफ्ट! सैलरी में आएगा 96 हजार तक उछाल, जानें ताजा अपडेट

वहीं मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पिछले दिनों स्कूल शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा था। जिसमें आरटीई के नियम में संशोधन की मांग की गई थी। बाल आयोग को भोपाल, इंदौर, जबलपुर, कटनी, सतना, ग्वालियर में निरीक्षण के दौरान कई महत्त्वपूर्ण बातें देखने को मिली थी। जिसके तहत कई मिशनरी स्कूल आरटीई के तहत बच्चों की पढ़ाई नहीं करा रहे हैं। वही सरकार द्वारा नवीन तैयारी की जा रही है। बाल आयोग ने शिक्षा मंत्री से नियम में संशोधन की मांग कर दी है और स्कूल शिक्षा मंत्री का कहना है कि विभाग इसकी जांच करेगा।

बता दें कि केंद्र में यूपीए की सरकार के समय कई स्कूलों ने खुद को अल्पसंख्यक घोषित करवाने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। तब 5 सदस्य जजों की समिति ने यह स्पष्ट किया था कि किसी शैक्षणिक संस्था में यदि अल्पसंख्यक सदस्य हैं। तभी उस संस्था को अल्पसंख्यक माना जाएगा। हालांकि अब इस नियम का फायदा संस्थान गलत तरीके से ले रहे हैं। जिससे नियम में बदलाव को लेकर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। वहीं प्रस्ताव के जरिए 51 फीसद अल्पसंख्यक छात्र होने की स्थिति में ही स्कूल को अल्पसंख्यक संस्था का दर्जा दिए जाने की अनुशंसा की जाएगी।