नरोत्तम मिश्रा का महबूबा मुफ़्ती पर बड़ा हमला, शायराना अंदाज में किया पलटवार

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती (Mahbuba Mufti) पर बड़ा हमला करते हुए पलटवार किया है। डॉ नरोत्तम मिश्रा ने शायराना अंदाज में  जवाब देते हुए कहा कि “डेथ पर चुप्पी और ड्रग से यारी, वाह महबूबा समझ में आ गई नीयत तुम्हारी।”  उन्होंने कहा कि विघटनकारी मानसिकता के ऐसे लोग अप्रत्यक्ष रूप से टुकड़े टुकड़े गैंग के समर्थक हैं हम ऐसी मानसिकता को ही कुचल देंगे।

राजमाता विजयाराजे सिंधिया (Rajmata Vijyaraje Scindia) की 102 वीं जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे मध्यप्रदेश सरकार के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने राजमाता को नमन करते हुए कहा कि राजपथ से लोकपथ की ओर जाने वाली राजमाता जिन्होंने कभी पैसे और प्रभाव को इस्तेमाल ना करते हुए सम्बन्ध और सहिष्णुता के साथ सबसे रिश्ता बनाया, ऐसी लोकमाता को नमन करने आया हूँ।

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मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए डॉ नरोत्तम मिश्रा ने महबूबा मुफ़्ती के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा – डेथ पर चुप्पी और ड्रग से यारी , वाह महबूबा समझ में आ गई नीयत तुम्हारी। उन्होंने कहा कि कश्मीर में लोग आईडी देखकर पहचान देख कर मार रहे हैं उसपर महबूबा कुछ नहीं बोली लेकिन ड्रग्स पर जरूर बोली ये उनकी नीयत समझ आ रही है और देश भी इस बात को समझ रहा है। उन्होंने कहा कि जो भी विघटनकारी लोग है और ऐसी  मानसिकता के लोग हैं  वे अप्रत्यक्ष रूप से टुकड़े टुकड़े गैंग के समर्थक हैं और हम ऐसी मानसिकता को ही कुचल देंगे।

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डॉ नरोत्तम मिश्रा ने  कहा कि कालाबाजारी करने वाला कोई भी शिवराज सिंह की सरकार में नहीं बचेगा।  कोयला संकट पर जवाब देते हुए नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि केंद्रीय कोयला मंत्री, ऊर्जा मंत्री , मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री दोनों ने स्पष्ट कर दिया है कि हमारे पास पर्याप्त कोयला हैं।  संकट ऐसा नहीं है कि समाधान नहीं हो।

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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