भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एन्ड ट्रेनिंग (NCERT) की किताबों में रामायण (Ramayan) के अपमान, एक कविता की भाषा और बाबर को बहादुर लिखने पर लोगों ने आपत्ति जताई है और मांग की है NCERT की किताबों की फिर से लिखना चाहिए।
प्रारंभिक स्कूली शिक्षा में सबसे ज्यादा पढाई जाने वाली किताबें NCERT की होती हैं। अधिकांश निजी विद्यालय NCERT की ही किताबों को अपने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के पाठ्यक्रम में रखते हैं लेकिन कई बार NCERT की किताबों की भाषा और पाठ्य सामग्री को लेकर शिकायतें सामने आई हैं लेकिन ना तो सरकार की तरफ से कोई एक्शन होता है और ना ही NCERT के लोग अपनी पाठ्य सामग्री में कोई सुधार करते हैं।
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एक बार फिर NCERT किताबों की भाषा शैली, रामायण के अपमान और बाबर को बहादुर बताने पर ट्रोलर के निशाने पर है। लोग अब NCERT की किताबों को इन हिस्सों को हटाने और फिर से लिखने की मांग करने लगे हैं। ट्विटर यूजर टीम हिन्दू यूनाइटेड ने NCERT की किताब का एक हिस्सा शेयर करते हुए उसमें रामायण के बारे में लिखी गई बातों का उल्लेख किया गया है। NCERT की इस किताब में तुलसीदास शीर्षक से एक पाठ है उसमें लिखा है कि – भिन्न भिन्न मित्र हैं पूछते हैं कि रामायण को आप सर्वोत्तम ग्रन्थ मानते हैं, परन्तु समझ में नहीं आता क्यों ? देखिये तुलसीदास जी ने स्त्री जाति की कितनी निंदा की है, बाली वध का समर्थन किया है, विभीषण के देशद्रोह की प्रशंसा की है। सीता जी पर घोर अन्याय करने वाले राम को अवतार बताया है। .. इसके अलावा भी इस पाठ में बहुत कुछ लिखा है। टीम हिन्दू यूनाइटेड ने लिखा – ये रामायण का खुलकर विरोध कर रहे हैं। NCERT की किताबों को फिर से लिखा जाना चाहिए।
https://twitter.com/THU_Reloaded/status/1395976245175717891?s=19
टीम हिन्दू यूनाइटेड ने NCERT की अंग्रेजी की एक किताब के पेज को भी शेयर करते हुए उसमें पूछे गए प्रश्न पर आपत्ति जताई है। प्रश्न में Kinds of Adjectives के बारे में बताया गया है जिसमें पहला सेंटेंस है Babar Was A Brave King. टीम हिन्दू यूनाइटेड ने बाबर को बहादुर बताने पर एतराज जताया है और ट्वीट में लिखा है- Rest in Peace – NCERT.
https://twitter.com/THU_Reloaded/status/1395962570855510021?s=19
एक अन्य ट्विटर यूजर आयुष वैष्णव ने NCERT की किताब की एक कविता की भाषा को लेकर सवाल खड़े किये हैं। कविता में “आम की टोकरी” में NCERT ने छह साल की छोकरी, हमें आम है चूसना जैसी लाइन लिखी है। यूजर ने छह साल की गुड़िया, और हमें आम है चखना लिखकर उदाहरण दिया है और ट्वीट किया है – लोग क्या चाहते हैं और NCERT क्या दे रहा है। ..
#NCERT
What People
Expect VS what NCERT Giving pic.twitter.com/4MkaUor4i4— Ayush Vaishnav (@AyushVaishnavAV) May 20, 2021
ट्विटर यूजर 2009 बैच के छत्तीसगढ़ बैच के IAS अवनीश सरन नाराज होते हुए लिखा – ये किस ‘सड़क छाप’ कवि की रचना है ?? कृपया इस पाठ को पाठ्यपुस्तक से बाहर करें.
ये किस ‘सड़क छाप’ कवि की रचना है ?? कृपया इस पाठ को पाठ्यपुस्तक से बाहर करें. pic.twitter.com/yhCub3AVPR
— Awanish Sharan 🇮🇳 (@AwanishSharan) May 20, 2021
किताबों की सामग्री को लेकर NCERT का ट्रोल होना कोई नई बात नहीं है इसके अलावा भी कई उदाहरण हो सकते हैं। लोग कई बार आपत्ति जताते हैं और कई बार ये सोचकर इग्नोर कर जाते हैं कि जब सरकार कोई एक्शन ही नहीं लेती तो क्या फायदा। हालाँकि ट्रोल होने के बाद NCERT ने आम की टोकरी कविता की भाषा को लेकर जवाब दिया है और भाषा को ये कहते हुए सही ठहराया है कि स्थानीय भाषाओं की शब्दावली को बच्चों तक पहुँचाने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ये कविताएं शामिल की गई हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में नई राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के निर्माण की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। इसी पाठ्यचर्या की रूपरेखा के आधार पर भविष्य में पाठ्यपुस्तकों का निर्माण किया जाएगा।
— NCERT (@ncert) May 21, 2021