भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में ब्लैक फंगस (Black fungus) के मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही इसके इलाज में उपयोग होने वाले एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन (Amphotericin-B injection) की मांग भी बढ़ती जा रही है। तो वहीं अब मध्य प्रदेश में एस्परजिलस (Aspergillosis) नाम का नया संक्रमण फैल रहा है।
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एस्परजिलस फंगस का ही एक रूप है, जो कोरोना वायरस से उभर चुके मरीजों में सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि यह फंगस का वो प्रकार है जो हमारे घरों के आसपास सड़ी-गली चीजों में पाया जाता है। अब ये इंसानों के शरीर में कैसे पाया जा रहा है इसकी जांच की जा रही है। मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में इस तरह की फंगस के कुछ संदिग्ध मामले सामने आए हैं। जिसके बाद सरकार और प्रशासन अलर्ट पर है।
कहां पाया जाता है एस्परजिलस?
बीमारियों को ट्रिगर करने वाला मोल्ड, एस्परजिलस घर के अंदर और बाहर हर जगह मौजूद होता है। इस संक्रमण में अधिकांश लोगों के शरीर में एस्परजिलस बीजाणु सांस के ज़रिए प्रवेश कर जाते हैं, हालांकि, वे बीमार नहीं पड़ते लेकिन इसमें भी इम्यून सिस्टम का बड़ा रोल है। यह फंगस गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट को भी संक्रमित कर सकता है।
स्टेरॉयड का प्रयोग बना खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना मरीजों में तमाम तरह के फंगल इंफेक्शन का मुख्य कारण स्टेरॉयड का प्रयोग करना और मरीज का कमजोर इम्यून सिस्टम है। साथ ही इसके पीछे ऑक्सीजन की आपूर्ति को हाइड्रेट करने के लिए साफ पानी इस्तेमाल न किया जाना भी एक कारण बताया जा रहा है। जैसा कि आप जानते ही हैं कोरोना संक्रमित मरीज के इलाज में स्टेरॉयड के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है जिसके चलते अब तमाम लोग ब्लैक फंगस का शिकार हो रहे हैं।