नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। नीति आयोग (NITI Aayog) की सातवीं गवर्निंग काउंसिल (NITI Aayog 7th Council meeting) की बैठक आज होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Modi) रविवार को राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र, नई दिल्ली में नीति आयोग की सातवीं संचालन परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में शामिल होने से एक तरफ जहाँ तेलांगना मुख्यमंत्री केसीआर (CM KCR) ने साफ तौर पर इंकार कर दिया है। वहीं नीतीश कुमार (Nitish kumar) भी इस बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। तेलंगाना सीएम ने केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
वहीं उन्होंने कहा कि नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक से मैं खुद को इस बैठक से दूर कर रहा हूं। भारत को मजबूत और विकसित देश बनाने के लिए सामूहिक प्रयास की भागीदारी नहीं करता है और इस बैठक में मुख्यमंत्रियों को बोलने के लिए उचित समय भी नहीं प्रदान किया जाता है। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। वहीं आत्मनिर्भर भारत पर विशेष जोर दिया जाएगा।
- जुलाई 2019 के बाद परिषद की यह पहली शारीरिक बैठक होगी और इसके सदस्यों में सभी मुख्यमंत्री शामिल होंगे। दरअसल पीएम सरकार के शीर्ष नीति थिंक टैंक के अध्यक्ष हैं।
- हालांकि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने शनिवार को पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है। उन्होंने सरकारपर तेलंगाना सहित राज्यों के खिलाफ भेदभाव का आरोप लगाते हुए बैठक का बहिष्कार किया है।
- इससे पहले परिषद की पहली बैठक 8 फरवरी, 2015 को हुई थी।
- इस बैठक से केंद्र और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच सहयोग बढ़ेगी और एक नए युग की दिशा में सामजस्य का मार्ग प्रशस्त करेगी।
- बैठक में मुख्य रूप से फसल विविधीकरण, तिलहन, दलहन और कृषि में आत्मनिर्भरता सहित राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के एजेंडे को शामिल किया गया हैं।
- वहीँ गवर्निंग काउंसिल की बैठक में सम्बंधित विषय पर एक रोडमैप की रूप रेखा तैयार होगी और उसे कार्य योजना को अंतिम रूप देने का प्रयास करेगी।
- इससे पहले इसी साल जून में इस बैठक की तैयारी के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन धर्मशाला में आयोजित किया गया था।
- एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारत आजादी के 75 साल मना रहा है, राज्यों के लिए यह समय की जरूरत है कि वे चुस्त, लचीला और आत्मनिर्भर हों और सभी राज्य संघवाद की भावना से ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर तेजी से आगे बढ़ें।
- चर्चा के मुताबिक इस बैठक में संघीय प्रणाली के लिए भारत के लिए राष्ट्रपति पद के महत्व और जी -20 मंच पर अपनी प्रगति को उजागर करने में राज्यों की भूमिका पर भी जोर दिया जाएगा।
- परिषद में भारत के प्रधान मंत्री शामिल हैं, विधायिका के साथ सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री सहित अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, सदस्य, उपाध्यक्ष, नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य, केंद्रीय मंत्री विशेष रूप से आमंत्रित किए गए हैं।
- दरअसल NITI Aayog की गवर्निंग काउंसिल राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी के साथ राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और रणनीतियों की एक साझा दृष्टि विकसित करने वाली प्रमुख संस्था है।
इससे पहले बैठक का बहिष्कार करते हुए तेलंगाना सीएम KCR ने कहा कि नीति आयोग को एक नए संस्थान के रूप में शुरू किया गया था। जिसका उद्देश्य सहकारी संघवाद में देश के समान विकास के लिए राज्यों को केंद्र के साथ एक ही पृष्ठ पर लाना था। लेकिन अभी हाल की अप्रिय घटनाओं ने एक अहसास को जन्म दिया है कि भारत सरकार द्वारा कुछ जानबूझकर किए गए कार्यों से भारत के संघीय ढांचे को व्यवस्थित रूप से नष्ट किया जा रहा है।
इतना ही नहीं PM KCR ने कहा कि जब योजना आयोग था, तब वह वार्षिक योजना पर राज्यों के साथ विस्तृत संवादात्मक चर्चा करता था लेकिन अब न तो कोई योजना है और न ही राज्यों की कोई भागीदारी है। सीएम ने कहा है कि नीति आयोग की बैठकों में सार्थक बातचीत की बहुत कम गुंजाइश रहती है क्योंकि मुख्यमंत्रियों को बोलने और अपने विचार व्यक्त करने के लिए मुश्किल से कुछ मिनट ही दिए जाते हैं।