नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan) की 11वीं किस्त (11th installment) की राह देख रहे किसानों (farmers) के लिए बड़ी डेट सामने आई है। दरअसल किसानों को हर 4 महीने के अंतराल पर खाते में ₹2000 भेजे जाते हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को हर साल ₹6000 दो हजार के समान किस्तों में तीन बार खाते में केंद्र सरकार द्वारा ट्रांसफर किए जाते हैं। वहीं पहली किस्त जहां 1 अप्रैल से जुलाई के बीच भेजी जाती जबकि दूसरी किस्त की राशि अगस्त से नवंबर और 3 किस्त दिसंबर से मार्च महीने में ट्रांसफर होती है। अभी तक 10 किस्तों का भुगतान किया जा चुका है। माना जा रहा है कि 15 मई से जून के पहले सप्ताह तक के बीच किसानों के खाते में राशि भेजी जा सकती है।
इससे पहले पिछले किस्त का पैसा 1 जनवरी 2022 को किसानों के खाते में भेजा गया था। वहीं दूसरी किस्त की राशि 15 मई तक खाते में भेजी जा सकती। हालांकि इस पर अभी कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। जिन किसानों ने अपना E-kYC पूरा कर लिया है। उनके खाते में राशि भेजे में सरकार को किसी भी तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। हालांकि इस तरह की योजना का लाभ उठाने के लिए E-KYC कराना अनिवार्य कर दिया गया है। अगर किसी किसानों द्वारा E-kyc नहीं की जाती है तो उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
बता दें कि पीएम किसान सम्मान की गैलरी किस्त अप्रैल से जुलाई महीने के बीच आनी है। हालांकि इससे पहले पिछले साल 15 मई को किसानों के खाते में राशि भेजी गई थी। इस बार भी 15 मई तक खाते में राशि आने की संभावना जताई गई है। ईकेवाईसी की अंतिम तिथि को भी बढ़ाकर 31 मार्च से 31 मई तक कर दिया गया। इसके अलावा अन्य कारण है, जिसके कारण पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त में देरी का सामना किया जा रहा है।
- दरअसल योजना की शुरुआत में 5 एकड़ कृषि भूमि से कम वाले किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के लिए पात्र किया गया था लेकिन अभी पात्रता खत्म कर दी गई है। जिसके बाद अब सभी किसान इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराने की पात्रता रख रहे हैं इस बदलाव के कारण 11 किस्त में देरी देखी जा सकती है।
- इसके अलावा सरकार द्वारा ईकेवाईसी कराना किसानों के लिए जरूरी कर दिया गया है। पिछले साल तक किसी भी तरह से बाध्यता नहीं थी लेकिन इस वर्ष ईकेवाईसी अनिवार्य किया गया। इसके लिए तारीख बढ़ाकर 31 मई कर दी गई है। किसान पीएम किसान पोर्टल पर जाकर ईकेवाईसी का कार्य पूरा कर सकते हैं।
- पात्र लाभार्थियों से वसूली की जा रही है सरकारी नौकरी के साथ ITR File करने वाले किसान भी इस योजना का लाभ ले रहे। हालांकि ऐसे किसानों को इस की पात्रता नहीं है। जिसके बाद ऐसे मामले सामने आने के बाद अब राज्य सरकार को कड़ी हिदायत दी गई है कि अपात्र लाभार्थियों से वसूली की जाए लाभार्थियों से निधि का पैसा वापस लौटाने के लिए भी कहा गया है। जिसके कारण 11वीं क़िस्त में देरी एक बड़ा कारण हो सकता है।
- farmers को किसान क्रेडिट कार्ड के तहत सस्ती दर पर लोन सुविधा मुहैया कराई जाती। इस योजना को पीएम किसान से लिंक किया जा रहा है, जिसके कारण पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त में दे दी देखने को मिल सकती है।
इससे पहले एक बड़ा खुलासा हुआ है दरअसल उत्तर प्रदेश में अकेले 3 लाख ऐसे किसान है जो अपात्र रहते हुए इस योजना का लाभ ले रहे हैं। ऐसे किसानों से वसूली के सख्त निर्देश दिए गए हैं। वहीं इन किसानों को 11वीं किस्त का लाभ नहीं दिया जाएगा।
पीएम किसान योजना का लाभ लेने वाले अपात्र लोगों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। उत्तर प्रदेश में अब तक 3 लाख से अधिक अपात्र लाभार्थियों की जांच एवं सत्यापन के बाद पहचान की जा चुकी है। यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि पीएम किसान किसानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण और लाभकारी सरकारी योजनाओं में से एक है।
इन सभी को दी गई राशि की राज्य सरकार जल्द ही वसूली करेगी। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने सभी जिलाधिकारियों को मामले की लगातार समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश में अब तक 2.55 करोड़ किसानों को कम से कम एक बार पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल चुका है। इनमें से 6.18 लाख किसान ऐसे हैं जिनके आधार नंबर डेटाबेस में गलत तरीके से दर्ज किए गए थे या आवेदन और आधार कार्ड में दर्ज नाम में अंतर है। इन लोगों को अगली किश्त नहीं मिलेगी। मुख्य सचिव ने कहा है कि कुछ लाभार्थियों का डेटाबेस अपडेट कर दिया गया है.।