Theft and Robbery: चोरी और डकैती जैसे आपराधिक शब्दों को हमने सभी ने कभी न कभी बचपन में सुना है। हालांकि अभी भी दुनिया में ऐसी घटनाएं होती हैं। जिसके चलते यह शब्द आए दिन चर्चा में रहता हैं। इसके साथ ही एक और चीज इन दोनों शब्दों को लेकर अक्सर चर्चा में रहती हैं और वह हैं इन दोनों शब्दों के बीच का अंतर। दरअसल अक्सर लोगों में इस विषय पर चर्चा होती है कि चोरी और डकैती में क्या अंतर होता है? क्या आप जानते हैं कि इन दोनों में क्या अंतर होता है और किस अपराध में अधिक सजा होती है? तो चलिए आज हम आपको इस अंतर के बारे में इस खबर में बताने वाले हैं।
सबसे पहले जानते हैं क्या होती है चोरी?
दरअसल जब किसी व्यक्ति ने बेईमानी, झूठ, या जबरन छीनकर किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति, जैसे रूपया, घड़ी, और अन्य सामान, लिया जाता है, तो उसे चोरी कहा जाता है। जानकारी दे दें कि इसके लिए भारतीय न्याय संहिता की धारा 378 से 402 में 3 से 7 साल की सजा का प्रावधान है, साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है। भारत के साथ साथ अन्य देशों में भी चोरी करना कानूनी अपराध हैं।
क्या होती है लूट?
वहीं जब कोई व्यक्ति धमकाने, डराने या हिंसा करके किसी से सामान लेता है, तो इसे लूट कहा जाता है और इसे भी चोरी के प्रकार में ही गणना की जाती है। लूट चोरी का एक अत्यधिक गंभीर रूप होता है, जिसमें 10 साल तक की कठोर कैद और जुर्माने का प्रावधान होता है। इसके अलावा, यदि लूट क्रिया सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले, यानी रात्रि के समय में होती है, तो दोषी को 14 वर्ष की कैद और जुर्माना दोनों हो सकता है।
जानिए क्या होती है डकैती:
आपको बता दें कि डकैती, चोरी और लूट से भी बड़ा अपराध माना जाता है। जब 5 या 5 से अधिक व्यक्ति साथ मिलकर किसी से संपत्ति की लूट या चोरी करते हैं, तो इसे डकैती कहा जाता है। इस अपराध में उम्रकैद या 10 साल तक की कठिन कैद और जुर्माना की सजा, या दोनों का प्रावधान हो सकता है।
जानिए क्या होगी सजा?
दरअसल इन गैर-जमानती अपराधों के मामलों में पुलिस बिना किसी वारंट के तुरंत गिरफ्तारी कर सकती है। वहीं जब इस प्रकार के अपराधिक मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार किया जाता है, तो उनकी जमानत अदालत ही दे सकती है। हालांकि इस प्रकार के मामलों में ज्यादातर सेशन कोर्ट जमानत खारिज कर देता है।