भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के एक करोड़ 62 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं (Electricity Consumers) को बड़ा झटका लगने वाला है।जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में बिजली की दर तय करने पर लगी रोक हटा दी है। इसके बाद बिजली कंपनियों ने 2,629 करोड़ रुपये घाटे की भरपाई के लिए अब MP में बिजली के दाम 6.25% तक बढ़ाने की तैयारी कर ली है, इसके लिए कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए विद्युत नियामक आयोग से बिजली की दरों में 6.23 फीसद की बढ़ोत्तरी के लिए प्रस्ताव तैयार किया है।
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वही दूसरी तरफ राज्यसभा सांसद एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Former Chief Minister Digvijay Singh) ने मध्यप्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) द्वारा बिजली दरों में 70 प्रतिशत तक वृद्धि करने के प्रयास पर कड़ी आपत्ति की जाहिर है। दिग्विजय सिंह ने इसे जनता को अंधेरे में रखकर उसे लूटने की कोशिश बताया है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग (Madhya Pradesh Electricity Regulatory Commission) द्वारा दिनांक 7 जून 2021 को विभिन्न समाचार पत्रों में आम सूचना छपवाकर लोगों से 5 जुलाई 2021 तक सुझाव देने एवं आपत्तियाॅं दर्ज करने को कहा गया है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा आम सूचना को अखबारों में अंग्रेजी भाषा में छपवाकर उन्हें अंग्रेजी में ही बनी वेबसाइट www.mperc.in पर जाने को कहा गया है जिस पर विद्युत दरों में 70 प्रतिशत तक वृद्धि संबन्धी 30 पृष्ठों का ड्राफ्ट अंग्रेजी में दिया गया है। आम लोगों से प्राप्त होने वाली आपत्तियों और सुझावों पर 6 जुलाई तक सुनवाई पूरी करके विद्युत दरों में संशोधन का निर्णय लिया जाना है।
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दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश हिन्दी (Hindi) भाषी राज्य है जहाॅ आम जनता में से अधिकांश लोग हिन्दी भाषा समझते है। ऐसे में गुपचुप तरीके से अंग्रेजी (English) में विज्ञापन प्रकाशित करवाकर लोगों को 30 पृष्ठों का अंग्रेजी में बनाया गया विद्युत दरों के संशोधन का ड्राफ्ट पढ़कर आपत्ति दर्ज करने को कहना दुर्भाग्यपूर्ण और आम लोगों के साथ मजाक करने जैसा है। ऐसा इसीलिए किया गया है ताकि आम लोगों को सरकार के इस निर्णय का पता न चले और आयोग को विद्युत दरें बढ़ाने के प्रस्ताव पर कोई आपत्तियाॅ प्राप्त न हो।
कांग्रेस के समय थी सस्ती बिजली
दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार (Congress Government) के समय आम लोगों के लिये 100 यूनिट तक 100 रूपये प्रतिमाह में तथा 150 यूनिट तक सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जा रही थी किन्तु यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा ने सत्ता में आते ही उपभोक्ताओं को बिजली के मनमाने बिल देना शुरू कर दिया। कुछ दिनों पूर्व ही भोपाल के नामी शायर मंजर भोपाली (Manjar Bhopali) को उनके घर के बिजली कनेक्शन के लिये दिया गया एक माह का रूपये 36.81 लाख का बिल (Electricity Bill)इसका ज्वलंत उदाहरण है।
किसानों को थमाए जा रहे मनमाने बिल
दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसानों को 5 हाॅर्स पाॅवर के कनेक्शन (Electricity Connection) के लिये 10 हाॅर्सपाॅवर के मनमाने बिल दिये जा रहे है। ऐसे अनेक आम उपभोक्ता और किसान मनमाने बिजली बिलों से परेशान होकर बिजली दफ्तरों के चक्कर लगा रहे है। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार को आम लोगों की तकलीफोें की कोई चिन्ता नही है। एक ओर लोग बेलगाम मॅहगाई से लोग जूझ रहे है वहीं दूसरी ओर सरकार चुपचाप बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव लाकर उपभोक्ताओं को अंधेरे में रखकर 70 प्रतिशत तक विद्युत दरें बढ़ाने जा रही है और वर्तमान समय में विद्युत दरों में किसी भी प्रकार की वृद्धि नही करनी चाहिए।
संभवत: इतने बढ़ सकते है बिजली के दाम
- नई प्रस्तावित वृद्धि के तहत सिंगल फेस 3 किलोवाट के नए बिजली कनेक्शन के लिए वर्तमान में 600 चुकाने पड़ते हैं, जबकि नई प्रस्तावित दरों के तहत 1020 रुपये चुकाने पड़ेंगे।
- थ्री फेस 5 किलोवाट मीटर कनेक्शन के लिए फिलहाल 1800 रुपये का शुल्क लगता है। वहीं, नये प्रस्ताव के तहत 3000 रुपये चुकाने होंगे।
- थ्री फेज 10 किलोवाट की बिजली कनेक्शन के लिए वर्तमान में 4800 रुपये का शुल्क लगता है। वहीं, नये प्रस्ताव के तहत अब 8000 रुपये तक चुकाने होंगे।
- बिजली का लोड बढ़ाने के लिए प्रति किलोवाट एंपियर वर्तमान में 750 रुपये का शुल्क लगता है, जबकि प्रस्ताव के तहत 1260 रुपये चुकाने पड़ सकते हैं।