नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। साउथ अफ्रीका (south africa) में हार्ट अटैक (heart attack) के कारण खत्म हुए एक युवक के माता-पिता की बड़ी इच्छा ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) ने पूरी की है। दरअसल मां बाप अपने बेटे को अंतिम बार देखना चाहते थे लेकिन पार्थिव शरीर को भारत लाने में बड़ी राशि की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी। ऐसे में Scindia आगे आए और पार्थिव शरीर को वापस लाने में लगने वाला पूरा खर्चा माफ करा दिया।
राजस्थान के धौलपुर में रहने वाले देवेंद्र सिंह परिहार के इकलौते बेटे देवाशीष का कैपटाउन में 20 दिन पहले हार्ट अटैक से निधन हो गया था। परिवार की उम्मीदों का सहारा तो चला गया लेकिन मां-बाप की एक इच्छा थी कि बेटे को अंतिम विदा देने से पहले एक बार देख ले। लेकिन शव को भारत लाने में 28 लाख रुपए का खर्चा आ रहा था। निम्न मध्यमवर्गीय परिवार के लिए इतनी बड़ी रकम जुटाना नामुमकिन ही नहीं बल्कि असंभव था। ऐसे में देवाशीष के मामा, जो गुना में रहते हैं।
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उन्होंने सिंधिया के एक करीबी योगेंद्र लंबा से संपर्क किया और फिर सिंधिया ने खुद इसकी दिन प्रतिदिन मॉनिटरिंग की। इस तरह से सिंधिया के प्रयासों से देवाशीष का पार्थिव शरीर भारत में लाने में होने वाला पूरा खर्चा माफ हो गया। कैपटाउन से बुधवार को युवक का शव पहले दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा जहां से युवक के परिजन उसे एंबुलेंस से धौलपुर ले गए। वहा उसका अंतिम संस्कार किया गया। इस तरह सिंधिया की वजह से एक परिवार की अंतिम इच्छा पूरी हो पाई और भी अपने इकलौते चिराग को अंतिम बार देख सके।