शिवपुरी, शिवम पाण्डेय। पिछोर भ्रष्टाचार (corruption) और कमीशनखोरी (commission) का जीवंत प्रमाण है। पहली ही बारिश (MP Rain) में पुल की अप्रोच में दरार सहित बह गया। पिछोर में जहां निर्माण कमीशन और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाए हो जाए तो फिर तो बात ही अलग है। हम बात कर रहे हैं शिवपुरी जिले की पिछोर खनियाधाना बायपास मार्ग की। जो पहली बारिश में जर्जर होने लगा और पहली ही बारिश में इस पर बने पुल धराशाई हो गए।
जिसने भ्रष्टाचार की पोल खोल दी। खनियाधाना में पहली ही बारिश मे मध्य प्रदेश शासन के विकास कार्यों की पोल खोल दी। किस तरह इस रोड निर्माण में अधिकारियों इंजीनियर के द्वारा मनमानी कर निर्माण कर दिया गया है। यह पहली बारिश में ही उजागर हो गया। इस मानसून की पहली बारिश में ही एक साल पहले निर्मित हुआ पुल जमींदोज हो गया। पिछोर खनियाधाना बायपास करने के लिए रोड का निर्माण कराया गया था। इस निर्माण कार्य के वक्त ही लोगों ने ठेकेदार और जिम्मेदार अधिकारियों की गुणवत्ता का ध्यान ना रखते हुए इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन में दर्ज करायी थी।
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जिसे प्रशासनिक अधिकारियों ने अनदेखी कर दिया था। एक साल के बाद ही कल लोगो के आरोप उस समय सही साबित हो गया जब पहली ही बारिश में पुल धराशाई हो गया। सड़क जर्जर होने लगी, गुणवत्ता विहीन निर्माण होने के कारण सड़क जर्जर ओर पूल धराशाई हो गए। पिछले साल ही पिछोर बुधना नदी पर यह पूल बनकर तैयार हुआ था। आरके जैन कंस्ट्रक्शन ने सड़क का निर्माण किया था। लाखो करोड़ों रुपए खर्च कर बना यह पुल पहली बारिश में ही पानी के बहाव को सह नहीं पाया।
संबंधित विभाग के अधिकारियों को इस टूटे पुल की अब तक जानकारी भी नहीं हो पाई है। जबकि ग्रामीणों ने निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। जिम्मेदारों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है और कमीशन होने के चलते पुल की मरम्मत के लिए कोई प्रयास नहीं किये जा रहै है। जिससे आम आदमी लापरवाही से परिवहन कर रहे हैं। जिससे कभी भी गंभीर हादसा हो सकता हैं।