भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) के करीब 50 हजार शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है। प्रदेश के 30 हजार से अधिक शिक्षकों का राज्य शिक्षा सेवा कैडर में संविलियन (merger) नहीं हो पाया है। जिसकी वजह से वह शासकीय सुविधाओं से वंचित हैं। इतना ही नहीं 50 हजार शिक्षकों के लिए एम्पलाई कोड (employee code) भी अब तक स्कूल शिक्षा विभाग (school education department) द्वारा जारी नहीं किया गया है। जिसके कारण उन्हें समय पर वेतन का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है।
अध्यापक संवर्ग का राज्य शिक्षा सेवा कैडर (State Education Service Cadre) में संविलियन ना होने की वजह से और समय पर वेतन का भुगतान नहीं होने की वजह से बीमा (insurance) के लिए उनके वेतन से राशि भी नहीं काटी जा रही है। जिसके कारण प्रदेश के 30 से 50 हजार शिक्षकों को कोरोना काल में समूह बीमा योजना (group insurance plan) का लाभ नहीं मिल सकेगा।
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ज्ञात हो कि 3 साल पहले सरकारी आदेश के बाद अध्यापक संवर्ग राज्य शिक्षा सेवा कैडर में संविलियन किया गया था लेकिन अब तक प्रदेश के 50 हजार से अधिक शिक्षकों को एम्पलाई कोड जारी नहीं किए गए हैं। जबकि 30 हजार शिक्षकों का संविलियन राज्य शिक्षा सेवा कैडर में अब तक विभाग द्वारा नहीं किया गया है।
अब इस मामले में अध्यापक संगठन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivarj singh chauhan) से मांग की है कि जल्द से जल्द शिक्षकों को एम्पलाई कोड जारी किए जाएं और उनके संविलियन की प्रक्रिया पूरी की जाए। मामले में शासकीय अध्यापक संगठन के प्रदेश संयोजक का कहना है कि शासन को तत्काल शिक्षकों को एंप्लॉयड कोड जारी करना चाहिए ताकि उन्हें शासकीय सुविधाओं का लाभ मिल सके।
ज्ञात हो कि प्रदेश भर में अब तक 300 से अधिक शिक्षकों की कोरोना की वजह से मौत हो गई है। बावजूद इसके संविलियन प्रक्रिया पूरी ना होने की वजह से उनके आश्रितों को ना ही अनुकंपा नियुक्ति का लाभ मिलेगा और ना ही उन्हें अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही शिक्षक संवर्ग सातवें वेतनमान, यात्रा बीमा सहित ग्रेच्युटी और मेडिकल भत्ता से वंचित रहेंगे।