पंजाब, डेस्क रिपोर्ट। पंजाब (punjab) में कांग्रेस (congress) के बीच चल रहे अंदरूनी कलह के बीच अब कांग्रेस बीच का रास्ता निकालने में सफल रही है।खबर है कि आपसी मतभेद को खत्म करने का फार्मूला ढूंढ लिया गया है, जिसके मुताबिक कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री (punjab CM) तो बने रहेंगे। साथ ही पार्टी से नाराज चल रहे हो नवजोत सिंह सिद्धू (navjot singh sidhu) को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है, हालांकि अंतिम फैसला हाईकमान को लेना है।
चर्चाओं की माने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है। इसके साथ ही 2 वर्किंग प्रेसिडेंट (working president) भी बनाए जाएंगे, जो हिंदू और दलित समुदाय के होंगे। जल्द ही इसको लेकर आधिकारिक घोषणा की जा सकती है।यह जानकारी हरीश रावत (harish rawat) की तरफ से सामने आई। हरीश रावत कांग्रेस आलाकमान की ओर से पंजाब के अंदरूनी कलह को सुलझाने के लिए बनाई गई 16 कमेटी के सदस्य हैं। उनके मुताबिक दो प्रदेश कार्यकारी भी बनाए जाएंगे।
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वही सुबह एजेंसी से चर्चा करते हुए हरीश रावत ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह पिछले ढाई साल से हमारे मुख्यमंत्री हैं और हम उनके ही नेतृत्व में चुनाव में जाएंगे।कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू एक साथ मिलकर काम करेंगे। हमने वर्किंग प्रसिडेंट बनाने का भी फॉर्मूला तैयार किया है। वही देर शाम रावत ने नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर कहा कि नहीं नहीं, मैंने ऐसा नहीं कहा। मुझसे पूछा गया कि क्या उन्हें (नवजोत सिंह सिद्धू) पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाएगा और मैंने कहा कि आप जो कह रहे हैं उसके आसपास फैसला लिया जाएगा।
बता दें कि वर्तमान में सुनील जाखड़ पंजाब में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वही पहले से यह कयास लगाए जा रहे थे कि कैप्टन और सिद्धू की लड़ाई में सुनील जाखड़ की कुर्सी जा सकती है। इसके अलावा आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव (upcoming punjab assembly elections) को देखते हुए आने वाले दिनों में कैबिनेट में कुछ नए चेहरों की एंट्री हो सकती है। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस आलाकमान ने बुधवार को इस समस्या पर मीटिंग की थी।
जिसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव प्रियंका गांधी और प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने इस मुद्दे पर चर्चा की थी। हरीश रावत की माने तो जल्द पंजाब कांग्रेस के लिए अच्छी खबर सामने आएगी और इसकी आधिकारिक घोषणा के साथ ही पंजाब में चल रहे अंदरूनी कलह पर रोक लग जाएगी।