Tokyo Paralympics : सुमित अंतिल ने Gold पर भाले से निशाना लगा रचा इतिहास

Atul Saxena
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। टोक्यो ओलम्पिक के बाद टोक्यो पैरालम्पिक (Tokyo Paralympics)में भी भारत के खिलाडी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।  भारत के जेवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल (Javelin Thrower Sumit Antil) ने गोल्ड मेडल (Gold Medal) जीतकर भारत को गौरव दिलाया है। सुमित ने 68.55 मीटर भला फेंक कर गोल्ड पर निशाना लगाया।  खास बात ये है कि सुमित अंतिल का ये थ्रो विश्व रिकॉर्ड भी बना गया है।  सुमित की इस सफलता पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने उन्हें बधाई दी है।

हरियाणा के सोनीपत में 7 जून 1998 को जन्मे सुमित अंतिल ने ये कमाल F 64 कैटेगरी में किया है। सुमित के पिता एयरफोर्स में थे लेकिन जब सुमित केवल 7 साल के थे तब उनके पिता का निधन हो गया था।  सुमित का लालन पालन उनकी मां निर्मला देवी ने किया।

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मां निर्मला देवी के मुताबिक जब सुमित 12वी में थे तब 5 जनवरी 2015 की शाम बाइक से ट्यूशन जा रहे थे तभी सीमेंट से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली ने उसे टक्कर मार दी थी और घसीटकर ले गई थी  इस हादसे में सुनीत को अपना पैर गंवाना पड़ा था।  लेकिन सुमित ने हार नहीं मानी और परिजनों,  दोस्तों की प्रेरणा से साईं सेंटर चले गए और जेवलिन थ्रोअर बन गए।

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सुमित अंतिल की स्वर्णिम सफलता मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने उन्हें बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने लिखा –  अदभुत, अविस्मरणीय। टोक्यो पैरालम्पिक Tokyo Paralympicsमें वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीतने पर सुमित अंतिल जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। जेवलिन थ्रो की F64 कैटेगरी में आपने इतिहास रचकर जता दिया है कि मजबूत इरादों के आगे बड़ी से बड़ी बाधा भी बौनी हो जाती है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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